Giloy Ghanvati Benefits
Giloy Ghanvati Benefits- गिलोय एक प्रकार की बेल है जो आमतौर पर जगंलों-झाड़ियों में पाई जाती है। गिलोय के फायदों को देखते हुए ही हाल के कुछ सालों से अब लोगों में इसके प्रति जागरुकता बढ़ी है और अब लोग गिलोय की बेल अपने घरों में लगाने लगे हैं।
इसकी पत्तियों का आकार पान के पत्तों के जैसा होता है और इनका रंग गाढ़ा हरा होता है। आप गिलोय को सजावटी पौधे के रुप में भी अपने घरों में लगा सकते हैं।
गिलोय किस तरह से मानव जीवन को हर तरह के रोगों से छुटकारा दिलाकर रोगमुक्त करती है। आयुर्वेदिक द्रष्टिकोण से रोगों को दूर करने में सबसे उत्तम औषधि के रूप में गिनी जाती है।
गिलोय के सेवन से आपकी पाचन शक्ति, फेफड़ों की कार्यक्षमता तो बेहतर होती ही है, साथ ही इससे आपका इम्यून सिस्टम भी मजबूत बनता है। साल 2020 में कोरोना के दौरान गिलोय ने अच्छी खासी लोकप्रियता हासिल कर ली।
गिलोय कब खाना चाहिए इसकी जानकारी हर किसी को होनी चाहिए. आयुर्वेदिक हर्बल औषधि होने की वजह से गिलोय के फायदे ज्यादा हैं. मच्छर की वजह से होने वाली बीमारियों में गिलोय खाना लाभदायक होता है
गिलोय में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है। इसमें कॉपर, आयरन, फास्फोरस, जिंक,कैल्शियम, मैग्नीशियम के साथ-साथ एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर आदि तत्व पाए जाते हैं।
गिलोय के औषधीय गुण:-
गिलोय में बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और कैंसर रोधी गुण होते हैं। इन्हीं गुणों की वजह से यह बुखार, पीलिया, गठिया, डायबिटीज, कब्ज़, एसिडिटी, अपच, मूत्र संबंधी रोगों आदि से आराम दिलाती है।
गिलोय का मुख्य प्रभाव टॉक्सिन (विषैले हानिकारक पदार्थ) पर पड़ता है और यह हानिकारक टॉक्सिन से जुड़े रोगों को ठीक करने में असरदार होती है।
Giloy Ghanvati Benefits-गिलोय घनवटी के फायदे:-
टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित रखने में असरदार भूमिका निभाती है। गिलोय जूस ब्लड शुगर के बढे स्तर को कम करती है, इन्सुलिन का स्राव बढ़ाती है और इन्सुलिन रेजिस्टेंस को कम करती है।
अगर कोई व्यक्ति काफी दिनों से किसी भी तरह के बुखार से पीड़ित है और काफी दवाएं लेने के बाद भी बुखार में कोई आराम नहीं मिल रहा हो तो ऐसे व्यक्ति को रोजाना गिलोय का सेवन करना चाहिए।
गिलोय खून में मौजूद शुगर लेवल को कम करने का काम करती है। ऐसे में अगर आपको मधुमेह की समस्या है, तो यह आपके रक्त में शुगर को बहुत ज्यादा नीचे पहुंचा सकती है।
कब्ज़, एसिडिटी या अपच से परेशान रहते हैं तो गिलोय आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। गिलोय का काढ़ा, पेट की कई बीमारियों को दूर रखता है। इसलिए कब्ज़ और अपच से छुटकारा पाने के लिए गिलोय का रोजाना सेवन करें।
गिलोय के रस को आंवले के रस के साथ देने से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है और आंख से संबंधित रोग भी दूर होते हैं। गिलोय एक शामक औषधि है, जिसका ठीक तरह से प्रयोग शरीर में पैदा होने वाली वात, पित्त और कफ से होने वाली बीमारियों से राहत देता है।
यह इम्युनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने में बेहद फायदेमंद है, कोरोना के इस दौर में इम्युनिटी बढ़ाना बेहद आवश्यक भी है इसलिए इसका इस्तेमाल भारत में बहुत अधिक हो रहा है।
गिलोयघन वटी कैसे खाये:-
गिलोयघन वटी एक वयस्क वटी यानि टेबलेट दिन में दो बार कुछ खाने के बाद पानी या दूध से ले या चिकित्सक के परामर्श से उपयोग करे।
रोजाना इसका सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप गिलोय का काढ़ा, गोली या फिर जूस पी सकते हैं। गिलोय में एंटी-आर्थराइटिक गुण पाए जाते हैं जो गठिया जैसे रोगों में काफी कारगर है। इसके लिए आप गिलो का जूस या फिर काढ़ा का सेवन कर सकते हैं।
पतंजलि गिलोयघन वटी मूल्य 100 रुपये और पैक साइज 60 टेबलेट में उपलब्ध है।
गिलोय घनवटी के नुकसान:-
अधिक सक्रिय होने की वजह से ऑटो इम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए ऑटो इम्यून बीमारियों जैसे कि मल्टीप्ल स्केरेलोसिस या रुमेटाइड आर्थराइटिस आदि से पीड़ित मरीजों को गिलोय से परहेज की सलाह दी जाती है।
महिला गर्भवती है, उन्हें भी इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए. साथ ही जो महिला अगर बच्चे को स्तनपान करा रही है उन्हें भी इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।