Alsi Pinni Recipe – सर्दियों में बनाएं लड्डू जो बचाएं अनेको बीमारियों से

Alsi-Pinni-Recipe

Alsi Pinni Recipe

Alsi Pinni Recipe- सर्दियों में अलसी के लड्डू जरूर बनाएं। इसे आप 30 मिनट में घर पर बना सकते हैं। असली और गोंद से बने लड्डूओं को आप 1 महीनें तक डिब्बे में भरकर रख लें इसे आप 1 महीने तक खा सकते हैं ये खराब नहीं होते और सर्दियों में अलसी के लड्डू खाने से बहुत फायदा भी मिलता है। आप अगर अलसी और गोंद को मिक्स करके सर्दियों में पिन्नी बनाकर खाएंगें तो आपको सर्दी भी नहीं लगेगी और आप बीमार भी नहीं पड़ेंगी।

Alsi Pinni Recipe- अलसी के लड्डू के फायदे

कोलेस्ट्रॉल करे कंट्रोल

अलसी में घुलनशलील फाइबर होता है, जो हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्याओं को दूर करने में प्रभावी होता है। नियमित रूप से 1 अलसी का लड्डू खाने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर तरीके से हो सकता है, जो हार्ट अटैक के खतरे को कम करने में प्रभावी है।

वजन को करे कम

अलसी के लड्डू में फाइबर की प्रचुरता होती है, ऐसे में अगर आप 1 लड्डू खाते हैं, जो इससे आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती है। जिसकी वजह से आप ओवरइटिंग से बच सकते हैं। ऐसे में शरीर का वजन कम करने में आपको मदद मिल सकती है।

चेहरे की झुर्रियां होंगी कम

स्किन के लिए अलसी काफी फायदेमंद होता है। नियमित रूप से अलसी के लड्डू खाने से स्किन पर झुर्रियां भी कम हो सकती है। दरअसल, अलसी में एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोकेमिकल्स मौजूद होता है, जो बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में प्रभावी है।

ऐसे में अगर आप अलसी का लड्डू खाते हैं, तो यह न सिर्फ शारीरिक समस्याओ बल्कि स्किन की परेशानियों को दूर करने में भी प्रभावी हो सकता है।

शुगर लेवल करे कंट्रोल

अलसी का नियमित रूप से सेवन करने से ब्लड शुगर भी कंट्रोल हो सकता है। साथ ही इससे डायबिटीज होने का खतरा भी कम है।

हार्मोन को करे संतुलित

अलसी में मौजूद पोषक तत्व फीमेल हार्मोन को संतुलित करने में प्रभावी है। साथ ही अलसी के लड्डू में गुड़ का मिश्रण होता है, जो आयरन से भरपूर होता है। वहीं, अलसी में लाइगन नामक पोषक तत्व महिलाओं के शरीर की हार्मोनल समस्याओं को दूर करता है। जिससे आपको पीरियड्स से जुड़ी परेशानी भी कम होती है।

आवश्यक सामग्री – Imgredients for Alsi Ki Pinni

अलसी1 कप ( 150 ग्राम)
गेहूं का आटा1 कप (150 ग्राम)
चीनी1 कप (200 ग्राम )
घी¾ कप (200 ग्राम)
अखरोट2 टेबल स्पून
गोंद2 टेबल स्पून
बादाम2 टेबल स्पून
काजू 2 टेबल स्पून
इलायची7 से 8
किशमिश1 टेबल स्पून

अलसी की पिन्नी बनाने की विधि – How to make Alsi Ki Pinni

अलसी की पिन्नी बनाने के लिए सर्वप्रथम अलसी को थाली में डालकर अच्छी तरह छान बीन कर साफ कर लीजिये।

कढ़ाही गरम करके इसमें अलसी डालिये। अलसी को लगातार चलाते हुए भून लीजिए। ध्यान रखें की अलसी रोस्ट करते समय चटचट की आवाज करती है और भुनने पर हल्की सी फूल जाती है। भुनी अलसी को प्लेट में निकालकर ठंडा कर लीजिए और इसके बाद इसे मिक्सी में थोड़ा दरदरा पीस लीजिए।

अब कढ़ाही में 1 टेबल स्पून घी डालिए और आटे को डालकर इसे लगातार चलाते हुए हल्का ब्राउन होने तक भून लीजिए। भुने आटे को किसी थाली में निकाल कर रख लीजिये।

कढ़ाही में बचा हुआ घी डालकर हल्का गरम कर लीजिए।

इसमें थोड़ा थोड़ा गोंद डालकर इसे चलाते हुए फूलने तक धीमी आंच पर भून लीजिए। सारा गोंद इसी तरह तलकर निकाल लीजिये।

बादाम और काजू को बारीक काट लीजिए। इलायची को छीलकर कूटकर पाउडर बना लीजिए।

ठंडा होने पर तले हुये गोंद को चकले पर या किसी थाली में बेलन की सहायता से दबादबा और बारीक कर लीजिये।

गोद तलने के बाद जो घी बचा हुआ है उसमें पिसी हुई अलसी को डालिये और कलछी से चला चला कर मीडियम और धीमी आग पर अच्छी महक आने तक भूनिये और थाली में निकाल लीजिये। अलसी पहले से ही भुनी हुई है, तो यह 5 मिनिट में अच्छे से भुन जाती है।

चाशनी बनाएं

चाशनी बनाने के लिए कढ़ाही में चीनी और आधा कप पानी डालिये और चाशनी बनने के लिये रखिये। चीनी घुलने तक चमचे से चलाइये और 1 तार की चाशनी तैयार कर लीजिये।

चाशनी टैस्ट करने के लिये चमचे से 1 बूंद चाशनी प्याली में गिराइए और उंगली – अंगूठे के बीच चिपका कर देंखें कि जब ऊगली और अंगूठे को अलग करें तो चाशनी से 1 तार निकलना चाहिये। गैस बन्द कर दीजिये।

चाशनी में भुना आटा, भुनी अलसी, काटे हुये मेवे, गोंद और इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला दीजिये। हल्का गरम रहने पर हाथ से थोड़ा थोड़ा ( एक नीबू के बराबर ) मिश्रण निकालकर लड्डू बनाकर थाली में रखिये।

सारे मिश्रण से लड्डू बनाकर तैयार कर लीजिये। लड्डू के ऊपर 1 काजू का टुकड़ा सजावट के लिए लगा दीजिए और प्लेट में रख लीजिए।

अब अलसी की पिन्नी तैयार है। सर्दियों में रोजाना 1 अलसी की पिन्नी को खाइये और बीमारी से बचे रहिए।

सावधानी

आटे को लगातार चलाते हुए भूनिए। यह कढ़ाही के तले पर लगकर जलना नही चाहिए।

गोंद को तलते समय आग धीमी और मीडियम ही रखें, तेज आग पर गोंद अच्छा नहीं फूलता, ऊपर से भुनता है और अन्दर से कच्चा निकल आता है।

गरम मिश्रण रहते ही लड्डू बना लीजिए वरना मिश्रण बिखरने लगता है।

पिसी अलसी को मीडियम और धीमी आग पर ही भूनें। तेज आग पर भूनने से जलने का खतरा है।

चाशनी बनाते समय ध्यान रखें कि वह सही बने, चीनी पानी में घुलने के बाद ही चाशनी का टैस्ट कीजिये और 1 तार की चाशनी बना लीजिये, चाशनी ज्यादा होने पर, वह तुरन्त जमने लगेगी और पिन्नी नहीं बन सकेगी, अगर चाशनी में तार नहीं बन रहा हो तो वह जमेगी ही नहीं और पिन्नी नरम रहेगी।

सूखे मेवे आप अपने पसन्द से कम ज्यादा कर सकते हैं, आपको जो मेवा पसन्द हो वह डाल सकते हैं और जो मेवा न पसन्द हो वह हटा सकते हैं।