How to save children from third wave of corona
How to save children from third wave of corona- आज हम बात करेंगे कोरोना की तीसरी लहर के बारे में। जैसा की आज सभी जगह न्यूज़ में बार – बार बोला जा रहा है की कोरोना की तीसरी लहर बहुत ही खतरनाक होगी जिसमे सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी लहर से निपटने के लिए बड़ी आबादी का वैक्सीनेशन तेजी से होना चाहिए।
बच्चों पर खतरा क्यों है?
अगर कोरोना की तीसरी लहर आई तो बच्चे इस वायरस की चपेट में ज्यादा आएंगे। क्योकि तीसरी लहर तक देश की आबादी के अधिकांश वयस्क लोगों का वैक्सीनेशन का पहला डोज लग चूका होगा। इससे वयस्क लोग, बच्चो के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित रहेंगे और बच्चों के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं लग पाई है।
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बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से कैसे बचाएं?
किसी भी वायरस से बचने के लिए हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना आवश्यक है। जिससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। कोरोना से बचाव के लिए इसकी रोकथाम ज्यादा कारगर है।
-साबुन से बार बार हाथ धोये, क्योंकि यह हाथों में मौजूद वायरस को मारता है। हाथों से अपनी आंखों, नाक और मुंह को न छुएं।
-बच्चों को हेल्दी खाना खिलाएं।
-बच्चों के खाने में ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियों का उपयोग करे।
-बच्चों को फलो का जूस भरपूर मात्रा में पिलाये।
-बच्चों में खाने-पीने की आदत अच्छी हैं तो वायरस ज्यादा नुकसान नहीं होगा।
-कमजोर और कुपोषित बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने की कोशिश करें।
-खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल या टिश्यू पेपर से ढकें। बार-बार एक ही टिश्यू पेपर का उपयोग न करें।
-घर में जो बीमार है उनसे बच्चों को दूर रखे।
-अन्य किसी व्यक्ति से बात करते समय कम से कम 3 फीट की दूरी बनाए रखें।
-अगर बच्चे में बुखार, खांसी ये साँस लेने में तकलीफ हो तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाए।
-दही जैसे खाद्य पदार्थ प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं जो आंत को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसलिए खाने में दही का उपयोग अवश्य करे।
-बच्चे को एक्टिव रखें रखें।
-कच्चे या अधपके मांस को बच्चो को ना खिलाये।
-कोविड गाइडलाइन का पालन करें।
-2 साल से कम उम्र के बच्चे के लिए मास्क एडवाइज नहीं किया जाता, इससे उन्हें साँस लेने में दिक्कत हो सकती है।
-अगर 18 से कम उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीन आ गयी हो तो उन्हें जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाएं जिससे संक्रमण का खतरा कम हो सके।
-बच्चों को घर से बाहर ना जाने दे।
-बच्चों को गिलोय का जूस पिलायें।