Flu in Eyes:- यह आंख में होने वाली सूजन व लालिमा की बीमारी है, यह आंखों की सूजन और लालिमा है, जो कई अलग-अलग कारणों से हो सकती है। इस समस्या के मुख्य कारणों में आमतौर पर बैक्टीरियल इन्फेक्शन, वायरल इन्फेक्शन और एलर्जिक रिएक्शन शामिल हैं। हम आपको बताने वाले हैं क्यों बच्चों में यह बीमारी बहुत तेजी से फैल रही है। ताकि आप इसका बेहतर बचाव कर सकें, इस लेख में हम आपको बच्चों में कंजक्टिवाइटिस के मामले तेजी से होने के पीछे के पांच कारणों के बारे में बताने वाले हैं।
आई फ्लू (Flu in Eyes) या पिंक आई के नाम से जानी जाने वाली यह बीमारी है। आई फ्लू वैसे तो ज्यादा खतरनाक बीमारी नहीं है, लेकिन आंखों में होने के कारण ये कष्टदायक होती है। लेकिन यह बैक्टिरियल भी होता है। यह ज्यादातर धूल भरे मौसम में या नर्म और गर्म मौसम में फैलता है। वायरस, बैक्टीरिया फंगस के संक्रमण की वजह से और अन्य कारणों से भी आई फ्लू होता है।
बीते कुछ दिनों से देश भर में बारिश की वजह से हालात बदतर होते जा रहे हैं। मानसून का यह सीजन सुहाना मौसम के साथ कई समस्याएं भी लाता है। इस समय कई बीमारियों और संक्रमणों की संभावना बढ़ जाती है। इनमें से एक है आई फ्लू, (Flu in Eyes) जो इन दिनों तेजी से फैल रहा है। ऐसे जरूरी है कि लोग इस बीमारी के बारे में सब कुछ जानें।
आई फ्लू का क्या अर्थ है?
IFH यानी कंजंक्टिवाइटिस एक प्रकार का संक्रमण है, जो कंजंक्टिवा को सूज देता है। पलकों के अंदर और आंखों के सफेद हिस्से पर कंजंक्टिवा क्लियर लेयर है। बरसात में तापमान और नमी कम होने से बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी बढ़ जाते हैं।
कैसे फैलता है ये संक्रमण?
अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आते हैं। संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले आंसुओं से संक्रमण फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसी में छींकने से भी संक्रमण फैल सकता है।
आई फ्लू के लक्षण कैसे होते हैं?
- आंखों का लाल होना, आंखों में सूजन, खुजली, जलन और प्रकाश में परेशान होना, आंखों से सफेद चिपचिपा पदार्थ निकलना।
- यह लक्षण पहले एक आँख में दिखाई देता है, लेकिन सावधानी नहीं बरतने पर दूसरी आँख में भी फैल सकता है। कंजंक्टिवाइटिस की गंभीर स्थिति में कुछ रोगियों की आँख से खून भी निकल सकता है।
- आँखों से हरा या सफ़ेद चिपचिपा द्रव निकलने से पलके चिपकना एक बड़ा लक्षण है कंजंक्टिवाइटिस, फोटोफोबिया, या धुप या तेज प्रकाश के प्रति असंवेदनशीलता।
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आई फ्लू से बचने के लिए घर में क्या करना चाहिए?
- हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखें। हाथों को धोते रहें। गंदे हाथों से कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है।
- टॉवेल और आंखों के मेकअप को किसी के साथ शेयर नहीं करें।
- टॉवेल को साफ कपड़े ही पहनें और उसे बार-बार धोते रहें।
- एक्सपायर होने के बाद आंखों के सौंदर्य उत्पादों का उपयोग न करें।
आई फ्लू से बचने के लिए क्या करें?
- आई ड्रॉप से आंखों को धोने से आई फ्लू के लक्षणों से राहत मिलने लगती है।
- नियमित रूप से आंखों के आस-पास की त्वचा धोने से धूल और कचरे को बाहर निकालने से इन्फेक्शन का खतरा कम होता है।
- किसी को अपना तौलिया, तकिया, कपड़े, चादर, आंखों का मेकअप, चश्मे या आई ड्रॉप नहीं देना चाहिए।
- गुलाब जल से आँख धोने से आँखों की बीमारी कम होती है। गुलाब जल की दो बूंद आँखों में लगाकर हर दिन दो बार करने से समस्या दूर हो सकती है।
- 3 से 4 आंवले के फल के गूददे को पिसकर रस निकाल ले। उस रस को एक गिलास पानी में मिलाकर पिए। सुबह खाली पेट आंवले का रस पीना चाहिए और रात में सोने से पहले दिन में दो बार इस्तेमाल करें। आँखों में संक्रमण से बचाता है।
NOTE:- इस बीमारी का पता लगते ही तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।