छोटी सी चिड़ीया की बड़ी सी दुनिया

Chhoti Si Chidiya Ki Badi Si Duniya

Chhoti Si Chidiya Ki Badi Si Duniya – एक बार की बात है, एक छोटी सी चिड़ीया एक छोटे से घोंसले में रहती थी। वह चिड़ीया बहुत प्यारी और साहसी थी, लेकिन उसकी दुनिया बहुत ही छोटी थी। वह हर दिन अपने घोंसले के पास पेड़ की डाली पर बैठकर आस-पास के जंगल को देखती थी। उसका मन करता था कि वह अपनी छोटी सी चिड़ीया की बड़ी सी दुनिया देखे, लेकिन वह हमेशा यही सोचती कि शायद बाहर का संसार उससे बहुत दूर है।

उस चिड़ीया का नाम सोना था। सोना को अपनी छोटी सी दुनिया में बहुत ही प्यारी लगती थी , लेकिन वह हमेशा सोचती रहती थी, ” की क्या इस दुनिया में कुछ और भी है, जिसे मैं जान नहीं पाई?”

एक दिन सोना ने फैसला किया कि वह अपनी छोटी सी दुनिया से बाहर निकलकर दुनिया को और भी करीब से देखेगी। और फिर उसने अपने घोंसले को छोड़कर उड़ने का मन बनाया लिया।

सोना पहली बार अपनी छोटी सी दुनिया से निकलकर बाहरी दुनिया में जाने वाली थी। जैसे ही वह आसमान में उड़ी, तो उसे पता चला कि यह दुनिया बहुत ही बड़ी और खूबसूरत है।

और उसे जंगल के अलावा आस-पास खेत, नदी, और पहाड़ भी दिखने लगे। सोना बहुत खुश थी क्योंकि उसने देखा कि दुनिया बहुत विशाल और रंग-बिरंगी है।

सोना को यह समझ में आया कि अगर वह सिर्फ अपने छोटे से घोंसले तक ही सीमित रहती, तो वह इस बड़ी दुनिया को कभी नहीं देख पाती। उसे यह भी एहसास हुआ कि हर नई यात्रा, हर नई शुरुआत उसे कुछ नया सिखाती है।

सोना ने अपनी यात्रा जारी रखी और बहुत से नए दोस्तों से मिली। उसने कई अलग-अलग जगहों की यात्रा की, जहाँ उसने नई बातें सीखी और हर रोज़ कुछ नया देखा। एक दिन वह अपनी यात्रा के बाद वापस अपने घोंसले पर आई, और अब उसे अपनी छोटी सी दुनिया भी बड़ी लगने लगी।

वह जान चुकी थी कि छोटी सी दुनिया में भी बहुत कुछ सुंदर और रोचक हो सकता है, बस जरूरत है उसे समझने और देख पाने की। अब सोना न केवल अपनी छोटी दुनिया को समझती थी, बल्कि उसने अपने आस-पास की बड़ी दुनिया को भी महसूस किया था।

कहानी से शिक्षा:

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि अपनी छोटी सी दुनिया से बाहर निकलकर हम एक नई और बड़ी दुनिया की खूबसूरती को देख सकते हैं। हमें कभी भी अपनी सीमाओं में बंधकर नहीं रहना चाहिए, बल्कि जीवन में हर नई शुरुआत का स्वागत करना चाहिए।