Surya Namaskar for Weight Loss -जानें क्या हैं सूर्य नमस्कार और उसके फायदे

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Surya Namaskar for Weight Loss

Surya Namaskar for Weight Loss:- सूर्य नमस्कार के अभ्यास से शरीर मन और आत्मा सबल होते हैं। पृथ्वी पर सूर्य के बिना जीवन संभव नही है। सूर्य नमस्कार, सूर्य के प्रति सम्मान व आभार प्रकट करने की विधि है सूर्य नमस्कार 12 योगासनों को मिलाकर बनाया गया है।

इसे करने वाले का कार्डियोवस्कुलर स्वास्थ अच्छा होता है. साथ ही शरीर में खून का संचार भी दुरुस्त होता है बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। अगर आप बहुत कम समय देकर खुद को फिट चाहते हैं तो आपके लिए सूर्य नमस्कार सबसे बेहतरीन योगासन है।

सूर्य नमस्कार का अर्थ होता है सूरज को नमस्कार करना इसलिए प्राचीन समय में भी हिंदू धर्म से आने वाले सूर्य की पूजा किया करते थे। सूर्य नमस्कार के जरिए आपको एक साथ 12 आसनों का फायदा पंहुचाता है।

हेल्‍थ एक्‍सपर्ट्स के अनुसार, कोरोनावायरस की दूसरी लहर में विटामिन डी का पूरी मात्रा में होना जरूरी है। सूर्य नमस्कार प्रतिदिन करें, तो आपके शरीर में विटामिन डी प्रचुर मात्रा में रह सकती है इसमें आपको किसी बाहरी वस्तु की जरूरत भी नहीं पड़ती।

मोटापा ही कम नहीं होता बल्कि आपके बैली को एक शेप प्रदान करता है और टोनिंग करता है। सूर्य नमस्कार सिर से लेकर पैर तक शरीर के सभी अंगो को बहुत लाभान्वित करता है। सभी योग विशेषज्ञ इसके अभ्यास पर विशेष बल देते हैं।

सूर्य नमस्कार के ये है फायदे:-

सूर्य नमस्कार करने से मोटापे की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। सूर्य नमस्कार के कई आसन से हमारी शरीर की कुछ ग्रंथियां उत्तेजित हो जाती हैं। जिससे पेट के अतिरिक्त वसा को कम करने में सहायता मिलती है। सूर्य नमस्कार के कई आसन से हमारी शरीर की कुछ ग्रंथियां उत्तेजित हो जाती हैं जिससे पेट के अतिरिक्त वसा को कम करने में सहायता मिलती है।

अच्छे खाने से भी नहीं होता वो चमत्कार सूर्य नमस्कार से होता है। इसके लिए थायराइड ग्रन्थि के हार्मोंस को बढ़ाकर पेट के अतिरिक्त घेराव को कम करते है। र्य नमस्कार का नियमित अभ्यास महिलाओं के मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करता है और प्रसव को भी आसान करता है।

सूरज के सामने सूर्य नमस्‍कार करने से शरीर में विटामिन डी जाता है, जिससे खूब सारा कैल्‍शियम हड्डियों दृारा सोख लिया जाता है। उम्र बढ़ने के शुरुआती लक्षण त्वचा पर दिखाई देते हैं. ये त्वचा को स्वस्थ रखने का काम करता है। सूर्य नमस्कार त्वचा की चमक बनाए रखता है।

आगे की ओर झुकाव करने से कब्‍ज और पाइल्‍स की समस्‍या नहीं होती। यह करने से पेट की पाचन क्रिया में भी सुधार होता है। सूर्य नमस्कार के समय आप सांस खींचते और छोड़ते हैं, जिससे हवा आपके फेफड़ों तक और ऑक्सीजन खून तक पहुंचती है। इससे आपके शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड और बाकी जहरीली गैस निकल जाती है।

लोगों में अनिंद्रा की समस्‍या आम हो गई है तो ऐसे मे सूर्य नमस्‍कार जरुर करना चाहिये। जिससे अच्‍छी नींद आती है। सूर्य नमस्कार चिंता और तनाव के स्तर को कम करने का काम करता है. ये मस्तिष्क के कामकाज में सुधार होता है।

दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है क्योंकि नियमित तरीके से व्यक्ति के शरीर में, खून का प्रवाह होता रहता है सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से शरीर में शक्ति और ओज की वृद्धि होती है। यह मांसपेशियों का सबसे अच्छा व्यायाम है और हमारे भविष्य के खिलाड़ियों के मेरुदण्ड और अंगो के लचीलेपन को बढ़ता है।

सूर्य नमस्कार कितनी बार करना चाहिए?

सामन्यता 13 सूर्य नमस्कार करना चाहिए, जिसके लिए सूर्य के नामों से 13 मंत्र भी प्रसिद्ध है। सके अतिरिक्त आप ज्यादा करना चाहो तो वो आप के शरीर क्षमता पर निर्भर करता है। क्योंकि हर व्यक्ति कि शरीर संपदा अलग अलग-अलग होती है।

सूर्य नमस्कार करने की सावधानियां

एक स्थिति में सांस सामान्य होने के बाद ही दूसरी स्थिति शुरू करें। कोमल, अधिक गद्देदार मैट या बिस्तर पर यह आसन न करें। इसके अलावा स्लिप डिस्क और हाई ब्लड प्रैशर के मरीजों को भी यह योग नहीं करना चाहिए।

गर्भवती महिला तीसरे महीने के गर्भ के बाद से इसे करना बंद कर दें। पीठ दर्द की समस्या से ग्रस्त लोग सूर्य नमस्कार शुरू करने से पहले उचित सलाह जरूर लें।

सूर्य नमस्कार कैसे करें?

सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हों और दोनों को पैरों को मिला ले और कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था में खड़े हो जाये। सांस लेते हुए हाथों को ऊपर करे और अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें।

Surya Namaskar for Weight Loss- अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलियों को छू ले। धीरे-धीरे सांस लें और सीधा पैर पीछे की ओर फैलाएं।

अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़ें और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। सिर को आसमान की ओर रखें। सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों और पैरों को सीधी लाइन में रखें और पुश-अप की पोजीशन में आ जाएं। अब सांस लेते हुए अपनी हथेलियों, सीने, घुटनों और पैरों को जमीन से मिलाएं।

इसे पर्वतासन भी कहा जाता है। सांस छोड़ते हुए कंधों को सीधा रखें और सिर को अंदर की तरफ रखें। अब ऐसे करते हुए सारी स्थतिया वापस से करे लेकिन आपको ये धीरे-धीरे करना है।