Chikungunya Symptoms
Chikungunya Symptoms- चिकनगुनिया, वायरल इन्फैक्शन के कारण, मानसून के मौसम के दौरान होने वाली कुछ बीमारी है। यह बीमारी मनुष्यों में, चिकनगुनिया वायरस ले जाने वाले मच्छरों के काटने के कारण होती है। चिकनगुनिया के लक्षण डेंगू से बहुत मिलते-जुलते हैं।
इसलिए बुखार होने पर तुरन्त डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ऐसी बीमारी होने पर चिकनगुनिया है या डेंगू या फिर आम फीवर है। चिकनगुनिया महामारी का रूप ले चुका है और अब तक अकेले दिल्ली में इससे पांच मौतें हो चुकी हैं बेड पाने के लिए हाय-तौबा मची हुई है।
इसका असर एक दो महीने नहीं बल्कि कई सालों तक रहता है। इसका बचाव करना बहुत जरूरी है और पहले से ही ध्यान रखना आवश्यक है।
चिकनगुनिया क्या है? (What is Chikungunia?)
चिकनगनिया के लक्षण के रूप में आपको 39 डिग्री सेल्सियस तक बुखार (ज्वर) हो जाता है। इस रोग में बुखार आमतौर पर दो दिन से ज्यादा नहीं रहता और अचानक समाप्त हो जााता है।
सके अलावा मरीज को मांसपेशियों में दर्द, थकान और मतली, सिरदर्द, चकत्ते/दाने और जॉइंट पेन की शिकायत होती है। बीमारी आमतौर पर काटने के 4 से 6 दिनों तक अपने लक्षण दिखाना शुरू नहीं करती है। ये मच्छर आमतौर पर दिन और दोपहर के समय में काटते हैं।
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चिकनगुनिया के लक्षण (Chikungunya Symptoms):-
अगर आपको सप्ताह भर से भी अधिक समय तक बुखार बना हुआ है, और कम नहीं हो रहा, तो डॉक्टर के पास जाये चिकनगुनिया के वायरस को ‘साइलेंट’ संक्रमण (बीमारी के बिना संक्रमण) के रूप में देखा जाता है।
शरीर के विभिन्न जोड़ों में दर्द होने लगता है जो मनुष्य को कमजोर बना देती है। यह कुछ दिनों तक चलता है या कईं हफ्तों तक भी चल सकता है। शरीर पर चकत्ते पड़ना या लाल निशान पड़ना चिकनगुनिया में आम है। इस तरह की त्वचा समस्या हो, कभी-कभी ये काफी कम मात्रा में भी होते हैं।
यह उठने-बैठने का गलत तरीका या सोने की गलत पोजीशन से भी हो सकता है। अगर आपको हमेशा मांसपेशियों में दर्द की शिकायत रहती है तो आपको डॉक्टर से जरूर जांच करवानी चाहिए।
चिकनगुनिया से कैसे बचें? (How to Prevent Chikungunia?)
चिकनगुनिया होने पर रोगी के शरीर में पानी की कमी हो जाती है। यदि चिकनगुनिया से ग्रसित रोगी को पानी कम मात्रा में पिलाया जाएगा तो उसे डीहाईड्रेशन की समस्या हो सकती है।
चिकनगुनिया होने पर रोगी के शरीर में पानी की कमी हो जाती है। रोगी को पानी कम मात्रा में पिलाया जाएगा तो उसे डीहाईड्रेशन की समस्या हो सकती है। चिकनगुनिया के प्राथमिक उपचार के लिए सूजन, बुखार और दर्द कम करने वाली दवाइयों की सलाह दी जा सकती है। अधिक मात्रा में तरल पदार्थों के सेवन और आराम करने की सलाह दी जाती है।
चिकनगुनिया में सहजन की फलियों का सूप पीने को दिया जाता है। इसके पत्ते भी काफी फायदेमंद होते हैं। मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं।
अपने घर के आस-पास या बाहर जो कंटेनर, गड्ढे, बाल्टी या गमलों में पानी रुका होता है उसे खाली करके मच्छरों को पनपने से रोकें। मच्छरों को मारने की दवा छिड़के। हम सब के घरों में तुलसी का पौधा औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी हमारे प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और हमें बिमारियों से बचाती है।
आपका डॉक्टर आपको खून की जांच के लिए आरटी-पीसीआर नामक एक और ब्लड टेस्ट कराने की सलाह भी दे सकता है। जिसे, इंफेक्शन होने के सप्ताहभर के अंदर ही किया जाता है।