Patanjali Ashwagandha Churna Benefits
Patanjali Ashwagandha Churna Benefits- अश्वगंधा एक जड़ी-बूटी है। अश्वगंधा का प्रयोग कई रोगों में किया जाता है। मोटापा घटाने, बल और वीर्य विकार को ठीक करने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा अश्वगंधा के फायदे और भी हैं।
अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट, लीवर टॉनिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल के साथ-साथ और भी कई पोषक तत्व पाये जाते हैं जो आपकी बॉडी को हेल्दीं रखने में हेल्प करते हैं। इसके अलावा इसे घी या दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से वजन बढ़ने में मदद होती है।
अश्वगंधा क्या है? (What is Ashwagandha?)
असली अश्वगंधा की पहचान करने के लिए इसके पौधों को मसलने पर घोड़े के पेशाब जैसी गंध आती है। अश्वगंधा की ताजी जड़ में यह गंध अधिक तेज होती है। तेल निकालने के लिए वनों में पाया जाने वाला अश्वगंधा का पौधा ही अच्छा माना जाता है।
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अश्वगंधा के गुण
अश्वगंधा को संपूर्ण शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है। अश्वगंधा के गुण में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटी स्ट्रेस, एंटीबैक्टीरियल एजेंट और इम्यून सिस्टम को बेहतर करना व अच्छी नींद शामिल हैं।
अश्वगंधा के औषधीय गुण में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव भी शामिल है, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स को बनने से रोक सकता है, इसके कारण एजिंग व अन्य बीमारियां कम हो सकती हैं।
अश्वगंधा का सेवन कैसे करें (How Much to Consume Ashwagandha)
अश्वगंधा चूर्ण की 2 ग्राम मात्रा को असगंधा के ही 20 मिलीग्राम काढ़े के साथ सेवन करें। इससे टीबी में लाभ होता है। अश्वगंधा की जड़ से चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की 2 ग्राम लें और इसमें 1 ग्राम बड़ी पीपल का चूर्ण, 5 ग्राम घी और 5 ग्राम शहद मिला लें।
अश्वगंधा चूर्ण खाने का तरीका बहुत आसान है। पानी, शहद या फिर घी में मिलाकर अश्वगंधा चूर्ण का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा, अश्वगंधा कैप्सूल, अश्वगंधा चाय मिल जाता है।
अश्वगंधा के फायदे (Ashwagandha Benefits)
2 ग्राम अश्वगंधा, 2 ग्राम आंवला (धात्री फल) और 1 ग्राम मुलेठी को आपस में मिलाकर, पीसकर अश्वगंधा चूर्ण कर लें। एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण को सबह और शाम पानी के साथ सेवन करने से आंखों की रौशनी बढ़ती है।
अश्वगंधा मानसिक तनाव जैसी गंभीर समस्या को ठीक करने में लाभदायक है। इससे अच्छी नींद आती है।अश्वगंधा कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने का काम कर सकता है।
अश्वगंधा चूर्ण की 2 ग्राम मात्रा को असगंधा के ही 20 मिलीग्राम काढ़े के साथ सेवन करें। अश्वगंधा की जड़ से चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की 2 ग्राम लें और इसमें 1 ग्राम बड़ी पीपल का चूर्ण, 5 ग्राम घी और 5 ग्राम शहद मिला लें। इसका सेवन करने से टीबी में लाभ होता है।
अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करने से टोटल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह एचडीएल की मात्रा को बढ़ाने में मदद कर सकता है। अश्वगंधा में हाइपोलिपिडेमिक प्रभाव होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में कुछ मदद कर सकता है।
आजकल ज्यादातर लोग डिप्रेशन और तनाव के शिकार होते हैं। अश्वगंधा शारीरिक और मानसिक दोनों तनावों को दूर करता है। इसका चूर्ण भोजन के साथ खाने से मन शांत होता है और तनाव दूर होता है।
रात में सोने से पहले दूध के साथ इसका सेवन फायदेमंद रहता है। इसके अलावा इसे खाना खाने के बाद भी लिया जा सकता है। कई लोग खाली पेट भी इसका सेवन करते हैं लेकिन कुछ लोगों को खाली पेट अश्वगंधा नुकसान करता है
अश्वगंधा से नुकसान (Ashwagandha Side Effects)
अश्वगंधा का अधिक इस्तेमाल पेट के लिए हानिकारक हो सकता है। इसे लेने से डायरिया की समस्या हो सकती है. पहले आप डॉक्टर की सलाह लें उसके बाद ही इसका सेवन करें।
अश्वगंधा शरीर में नींद लाने और ऊर्जा बढ़ाने का कार्य करता है। वो इन दवाइयों का असर बढ़ा भी सकता है और कम भी कर सकता है। मुख्य रूप से बेंज़ोडियाज़पीन लेते समय ध्यान रखें।
अश्वगंधा का ज्यादा प्रयोग आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है. अश्वगंधा के ज्यादा इस्तेमाल से आपको बुखार, थकान, दर्द की शिकायत भी हो सकती है।