Masala Chai Recipe
Masala Chai Recipe-चाय एक ऐसी चीज है जिससे हम सुबह की शुरुआत करते हैं। यदि चाय बढ़िया और कड़क ना मिले तो सुबह का सारा मजा ही खराब हो जाता है और चाय के शौकीन लोग बहुत दूर पैदल चलकर चाय पीने का मजा उठाना नहीं भूलते। यदि इस टिप्स को आप ध्यान से पढ़ें तो आप अपने घर पर ही बेहद स्वादिस्ट चाय बना लेंगे।
इसे बनाना बहुत ही आसान है। बस थोड़ी सी सामग्री चाहिए जो हमारे घर पर आमतौर पर मौजूद होती है। आप ध्यान से इस विधि को फॉलो करें तभी कमाल की स्वादिष्ट कड़क मसाला चाय बन पाएंगी।
आवश्यक सामग्री – Ingredients for Masala Chai Recipe
काली मिर्च | 2-3 |
अदरक | एक इंच (कद्दूकस किया हुआ) |
दालचीनी | एक टुकड़ा |
इलायची | 2-3 |
लौंग | 2 |
तुलसी की पत्तियां | 3-4 (चाहें तो) |
आधा जायफल | (कूटा हुआ) |
दूध | दो कप |
पानी | एक कप |
चाय पत्ती | दो चम्मच |
चीनी | स्वामदानुसार |
मसाला चाय बनाने की विधि – How to make Masala Chai Recipe
Masala Chai Recipe-सबसे पहले दो कप पानी बर्तन में डालकर गर्म होने रखें। जब पानी गर्म हो जाए तब इसमें अदरक को कूटकर पानी में डालें। अब इसे अच्छी तरह उबलने देना है ताकि अदरक का सारा रस चाय में मिल जाए। जब तक अदरक अच्छी तरह से नहीं उबलेंगी हम कोई भी सामग्री नहीं मिलाएंगे।
जब तक अदरक उबल रही है तब तक हरी इलायची, दालचीनी, लौंग और काली मिर्च को कूटकर पाउडर बना लेंगे। जब पानी में अदरक अच्छी तरह उबल चुकी हो तब पानी में दो चम्मच चाय पत्ती मिला दें। फिर इसे अच्छी तरह मीडियम गैस पर उबलने दें। जब चाय पत्ती अपना कलर छोड़ दें, तब इसमें कुटा हुआ मसाला डालेंगे।
अब मसाला मिलाने के बाद अच्छी तरह मसाला चाय को मीडियम आंच पर उबाले। अब इसमें एक कप दूध डालें और दो-तीन मिनट उबालें, ताकि चाय थोड़ी गाढ़ी हो सके। जब चाय का कलर कड़क आ जाए तब इसमें स्वादानुसार चीनी डालकर उबालेंगे। 1-2 मिनट उबलने के बाद चीनी अच्छी तरह घुल चुकी हो और चाय का कलर बढ़िया आ चुका हो तब गैस बंद कर दे।
अब हमारी मसालेदार कड़क चाय बनकर तैयार है। कप में छानकर बिस्किट या कुकीज के साथ सर्व करें।
मसाला चाय पीने के फायदे – masala chai benefits
पाचन में सहायक
Masala Chai Recipe-काली चाय में कैटेचिन नाम का एक खास तत्व पाया जाता है। यह तत्व इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज यानी सूजन के कारण होने वाली पेट से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा मसाला चाय को बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों में शामिल अदरक, लौंग, इलायची, काली मिर्च और चक्र फूल पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक माने जाते हैं।
डायबिटीज को करे नियंत्रित
चाय में थियाफ्लेविंस नाम का पॉलीफेनॉल तत्व पाया जाता है, जिसमें एंटीडायबिटिक (ब्लड शुगर कम करने वाला) गुण होता है। वहीं मसाला चाय में इस्तेमाल की जाने वाली दालचीनी और अदरक भी एंटीडायबिटिक गुण से समृद्ध होती है।
सर्दी से राहत दिलाए
चाय में मौजूद कैटेचिन सर्दी पैदा करने वाले जोखिम कारकों को दूर करने में मदद कर सकता है। इसमें इन्फ्लूएंजा वायरस भी शामिल है।
कैंसर के जोखिम को कम करे
चाय में भी कीमोप्रिवेंटिव यानी कैंसर और ट्यूमर से बचाव करने वाले गुण पाए जाएं हैं, जो मुख्य रूप से गर्भाशय और मूत्राशय के कैंसर के जोखिम को कम करने में अधिक प्रभावी माने जाते हैं। इस आधार पर माना जा सकता है कि मसाला चाय के फायदे कुछ हद तक कैंसर के मरीजों को राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। फिर भी यह समझना आवश्यक है कि कैंसर एक जानलेवा और घातक बीमारी है। इसलिए इसका इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है।
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ऊर्जा प्रदान करे
मसाला चाय में इस्तेमाल की जाने वाली अदरक और काली मिर्च भी इस मामले में कुछ कम नहीं है। इनका उपयोग खाद्य से मिलने वाली ऊर्जा की उपापचय प्रक्रिया को बढ़ावा दे सकता है, जिससे तुरंत ऊर्जा प्राप्ति का अनुभव हो सकता है।
दूर करे सूजन की समस्या
चाय में एंटीइन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। वहीं काली मिर्च, इलायची, अदरक, लौंग और दालचीनी जैसी मसाला चाय में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्रियां भी जोड़ों और मांसपेशियों में सूजन का कारण मानी जाने वाली अर्थराइटिस की समस्या में राहत दिलाने का काम कर सकती हैं।
वजन नियंत्रण में सहायक
चाय में मौजूद पॉलीफिनोल्स एंटीओबेसिटी (वजन कम करने वाला) प्रभाव प्रदर्शित करते हैं। वहीं मसाला चाय को बनाने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली अदरक, काली मिर्च और दालचीनी भी उपापचय प्रक्रिया को सुधार कर बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।
उपापचय प्रक्रिया को सुधारे
बेहतर स्वास्थ्य के लिए उपापचय प्रक्रिया का सुचारू रूप से काम करना काफी आवश्यक माना जाता है। वजह यह है कि इस प्रक्रिया के बिगड़ने की स्थिति में हाई लिपिड, हाई शुगर, हाई बीपी और मोटापा जैसी गंभीर समस्याएं प्रभावित कर सकती है। ऐसे में इन समस्याओं को दूर रखने और उपापचय प्रक्रिया को मजबूत करने में मसाला चाय में इस्तेमाल की जाने वाली दालचीनी, इलायची, काली मिर्च लौंग और अदरक काफी उपयोगी हो सकती है। वहीं चाय मौजूद सेलेनियम भी शारीरिक उपापचय प्रक्रिया को व्यवस्थित रखने में मदद करता है।
मसाला चाय पीने के नुकसान – Side Effects of Masala Chai
Masala Chai Recipe-मसाला चाय बाकि चाय से अलग होता है इसमें बहुत से औषधीय गुण होता है। इसलिए कम मात्रा में करने से कोई नुकसान नहीं है किंतु अत्यधिक मात्रा में करने से कुछ नुकसानदायक परिणाम नजर आ सकते हैं।
जैसे की गर्भवती महिला को अधिक मसाला चाय पीने से बचना चाहिए क्योंकि यह हार्मोन्स का असंतुलन बढ़ा सकता है।
काली चाय में कैफीन अधिक होता है। इसलिए अधिक लेने से शरीर पर नुकसानदायक प्रभाव पड़ता है।
अत्यधिक मात्रा में मसाला चाय पीने से व्यक्ति को उल्टी, मलती की समस्या हो सकती है।