Sugar candy is more beneficial than sugar
Sugar candy is more beneficial than sugar:- मिश्री को रॉक शुगर (rock sugar) और रॉक कैंडी (Rock candy or Mishri) भी कहते हैं। मिश्री गन्ने के इस्तेमाल से बनाया गया प्राकृतिक मीठा घटक है. ज्यादातर लोग उसका इस्तेमाल सौंफ के साथ माउथ फ्रेशनर के तौर पर या चढ़ावा में करते हैं. आपको जानना चाहिए शरीर को मिश्री से कैसे फायदा पहुंचता है।
मिश्री में मौजूद खास तत्व पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। मिश्री शरीर में हिमोग्लोबीन भी बढ़ाती है। वहीं, दूध कैल्शियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों और दातों को मजबूती देता है।
मिश्री को भिंडी की जड़ के साथ मिलाकर खाने से यौन शक्ति बढ़ती है। मिश्री का सेवन करने से यौन संबंध के प्रति रूची न होना, यौन दुर्बलता, वीर्य की कमी होना आदि रोगों में बहुत लाभ मिलता है।
शुगर का प्रयोग तमाम फूड आइटम्स में मिठास लाने के लिए ही किया जाता है लेकिन व्हाइट और ब्राउन शुगर में कई अंतर हैं। गुणों में दोनों भले ही अंतर रखते हों लेकिन व्हाइट और ब्राउन शुगर का उत्पादन एक ही फसल से होता है।
सर्दी के मौसम में सबसे ज्यादा लोग खांसी-जुकाम, गले में खराश, वायरल फीवर से परेशान रहते हैं। इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए दूध में मिश्री मिलाकर पिएं।
में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, नियासिन, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन, मिनरल्स, फैट, ऊर्जा, मौजूद होते हैं। पूजा के दौरान प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाने वाली मिश्री का अपना एक खास महत्व है।
मूड स्विंग्स होने पर आप इस ड्रिंक को मूड सही करने के लिए भी ले सकते हैं। मेनोपॉज के बाद होने वाले मूड स्विंग की समस्या को दूर करने के अलावा डिप्रेशन और मूड स्विंग्स से छुटकारा दिलाने में फायदेमंद होता है।
तेज गर्मी में मिश्री का प्रयोग ठंडा ताजा पेय बनाने के लिए किया जाता है। एक गिलास पानी में मिश्री को मिलाकर पीने से शरीर को गर्मी से राहत मिलने के साथ ही एनर्जी मिलती है।
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गले की खराश
लंबे समय से अगर आपको खांसी की परेशानी या गले में खराश महसूस हो रही हो तो मिश्री का सेवन करें। यह गले संबंधित समस्या को दूर करने में काफी सहायक है।
हाथ और पैरों की जलन
मक्खन और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर लगाने से हाथ-पैरों की जलन दूर होती है। खाने में माखन-मिश्री का मिश्रण भी इसी वजह से लिया जाता है।
एनीमिया में लाभकारी
हीमोग्लोबिन का स्तर कम होता है वो लोग एनीमिया, पीली त्वचा, चक्कर आना थकान और इससे जुड़ी अन्यसमस्याओं से ग्रस्त हो सकते हैं। मिश्री हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाकर एनीमिया से बचाव करती है।