Patanjali Arogya Vati Benefits
Patanjali Arogya Vati Benefits – पाचन-तंत्र विकार, त्वचा रोग आदि के अलावा कई और रोगों में आरोग्यवर्धिनी वटी से लाभ ले सकते हैं। इसके नाम से ही पता चलता है कि यह दवा रोगों से मुक्त करती है या फिर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।
इसमें मुख्य तीन घटक ही डाले गए हैं गिलोय, नीम और तुलसी। यह दवा मुख्यतौर पर वायरस इन्फेक्शन रोकने के लिए प्रयोग की जाती है. इसके अलावा यह एक कई तरह के बैक्टीरिया से बचाव के लिए भी उपचारात्मक प्रय़ोग की जाती है।
इसका उपयोग लीवर और चर्म रोग से संबंधित समस्याओं में किया जाता रहा है. इसे आरोग्यवर्धिनी गुटिका, आरोग्यवर्धिनी रस या सर्वोघर वटी के नाम से भी जाना जाता है।
इसके सेवन से ज्वर, कफ, त्वचा रोगों, प्रमेह आदि में लाभ होता है। नीम का रक्त साफ़ करने का गुण तो सर्वविदित है। नीम को तो सर्वरोगनिवारिण भी कहा जाता है।
डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि जैसे मच्छर जनित बुखारों में नीम और गिलोय के सेवन से अत्यंत लाभ होता है। तुलसी भी अनेकों रोगों में लाभप्रद है।
पाचनतंत्र संबंधी विकारों को ठीक करने में सहायता करता है। यह शरीर की कमजोरी, अपच की परेशानी, लिवर विकार में लाभदायक साबित होती है।
अनेक विकारों के कारण शरीर का उचित विकास नहीं हो पाता है। ऐसे में आरोग्यवर्धिनी वटी के सेवन से लाभ मिलता है। आप आरोग्यवर्धिनी वटी का सेवन कर रहे हों तो दवा के सेवन के दौरान केवल दूध का ही सेवन करें।
त्वचा खराब, और रूखी हो जाती है। इसमें त्वचा की संवेदनशीलता खत्म हो जाती है, और शरीर सुन्नपन पड़ जाता है। यह कुष्ठ रोग की यह चमत्कारिक दवा है। इससे कुष्ठ रोग के साथ-साथ त्वचा रोगों में यह लाभ मिलता है।
और पढ़ें:-
खुजली और एक्जिमा होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में आरोग्यवद्धिनी वटी को महामंजिष्ठादि अर्क के साथ सेवन करने से विशेष लाभ मिलता है। इससे विशेष लाभ होता है।
आरोग्यवर्धिनी वटी शिलाजीत और अन्य खनिजों के साथ आंतों को मजबूत करती है. यह लीवर से पित्त के स्राव को उत्तेजित करता है और मल त्याग को सुविधाजनक बनाने में मदद करता है।
गिलोय के सेवन से आपकी पाचन शक्ति, फेफड़ों की कार्यक्षमता तो बेहतर होती ही है, साथ ही इससे आपका इम्यून सिस्टम भी मजबूत बनता है। साल 2020 में कोरोना के दौरान गिलोय ने अच्छी खासी लोकप्रियता हासिल कर ली।
कब्ज़, एसिडिटी या अपच से परेशान रहते हैं तो गिलोय आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। गिलोय का काढ़ा, पेट की कई बीमारियों को दूर रखता है। इसलिए कब्ज़ और अपच से छुटकारा पाने के लिए गिलोय का रोजाना सेवन करें।
कमजोरी या विकृति से शरीर की शारीरिक व मानसिक वृद्धि रूक जाती है और शरीर निर्जीव का लगने लगता है। ऐसे में इस वटी का प्रयोग करना हमारे लिए लाभ दायक होता है।
आंतो के सभी प्रकार के विकारों लाभ दायक होता है| इसके प्रयोग से आंते साफ होती है एवं अगर आंतो में कोई इन्फेक्शन होता भी है तो वह ठीक हो जाता है।
3 से 4 गोली अपने रोग के अनुसार पानी, दूध के साथ साथ लेना चाहिए।
1mg पोर्टल से पतंजलि द्वारा निर्मित आरोग्यवर्धिनी वटी (Arogyavardhini Vati Patanjali) खरीद सकते हैं।