Omicron Symptoms – ओमिक्रोन संक्रमित मरीजों में नजर आते हैं ये 5 लक्षण

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Omicron Symptoms

Omicron Symptoms:- बढ़ते कोरोना के मामले और उसके नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामलों में आई तेजी को देखते हुए कई देशों में बूस्टर डोज की शुरुआत की जा चुकी है। नया वायरस उन लोगों में भी पाया जा रहा है, जिन्हें वैक्सीन के दोनों डोज़ लग चुके हैं।

कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वैरिएंट Omicron के लक्षण डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) की तुलना में जल्दी दिख जाते हैं, ठंड में ज्यादातर लोग इसके चपेट में आ जाते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रोन संक्रमण के दो ऐसे लक्षण हैं जो आम सर्दी-जुकाम से अलग है।

हालांकि लोगों के मन में एक सवाल अब भी बना हुआ है कि आखिर ओमिक्रॉन के लक्षण कैसे होते हैं और इसकी जांच कब कराई जानी चाहिए? वहीं शोधकर्ताओं द्वारा इस नए वेरिएंट को समझने की कोशिश जारी है, विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने इस नए वेरिएंट को B.1.1.529 यानी ओमिक्रॉन नाम दिया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कई देशों में तेजी से फैल रहे संक्रमण के पीछे की वजह Omicron है।

फिलहाल लोगों को इससे बचाव के लिए सभी आवश्यक उपायों का प्रयोग करना चाहिए, जैसे- मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, वैक्सीनेशन और हाथों की स्वच्छता को ध्यान में रखकर खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है।

डेटा के अनुसार, सिर्फ 50 प्रतिशत लोग ही कोरोना वायरस के ये लक्षण- बुखार, खांसी या फिर सुगंध-स्वाद की कमी को अनुभव करते हैं।

नए वैरिएंट के कारण स्किन पर चकत्ते पड़ सकते हैं। इनमें काफी खुजली भी होती है। ZOE कोविड सिम्पटम स्टडी के मुताबिक ओमिक्रोन से संक्रमित होने पर चकत्ते हो सकते हैं।

Symptoms Of Omicron (ओमिक्रॉन वैरिएंट के लक्षण)

ओमिक्रॉन का शिकार हुआ व्यक्ति हमेशा थका हुआ महसूस करता है। ज्यादा मेहनत न करने पर भी उसे थकावट बनी रहती है।

कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के प्रमुख लक्षणों में नाक बहना, गले में चुभन, छींक, पीठ के नीचे दर्द, मांसपेशियों में दर्द और पसीना आना है।

आपके गले में इंफेक्शन होने की वजह से कुछ अटका हुआ-सा लगता है। सूखी खांसी बढ़ने से गले में दर्द बढ़ता जाता है। सामान्यतौर पर कोरोनावायरस का इक्युवेशन पीरियड 1-14 दिनों तक का माना जाता है।

ओमिक्रॉन वेरिएंट से बचाव

अगर 18 से कम उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीन आ गयी हो तो उन्हें जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाएं जिससे संक्रमण का खतरा कम हो सके। दही जैसे खाद्य पदार्थ प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं जो आंत को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसलिए खाने में दही का उपयोग अवश्य करे।

भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहें. सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें. संक्रमण का लक्षण दिखने पर कोरोना का टेस्ट कराएं।

अपने हाथ नियमित रूप से धोएं। जब आपकी बारी हो, तो टीका लगवाएं। टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं।

इम्यूनिटी को मजबूत रखने के लिए आप काढ़ा पीना, व्यायाम, पर्याप्त नींद, पौष्टिक आहार और मौसमी फलों व सब्जियों का सेवन करना चाहिए।