Computer Vision Syndrome
Computer Vision Syndrome- कंप्यूटर विजन सिंड्रोम में यंगस्टर्स को आंखों में ड्राईनेस की समस्या होती है। ऐसा कंप्यूटर पर अधिक वक्त बिताने की वजह से होता है। इसकी मुख्य वजह कंप्यूटर और मोबाइल पर बहुत अधिक समय बिताना हैं।
हम देख सकते है कि लगातार कंप्यूटर पर काम करने से आज अधिकतर लोग कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से प्रभावित हो रहे हैं। यह आंखों से संबंधित एक समस्या है, टीवी देखने, मोबाइल पर देर रात तक गेम खेलने से होता है।
बच्चों से लेकर वयस्कों तक हर कोई डिजिटल तकनीक का उपयोग करने में लगा हुआ है, खासकर कंप्यूटर और लैपटॉप पर। कंप्यूटर स्क्रीन के सामने लंबे समय तक लगातार काम करना तनाव या खिंचाव पैदा कर सकता है।
इसके मुख्य लक्ष्ण होते है जैसे – लाल आँखें होना, गर्दन और पीठ में दर्द होना, आँखों से पानी आना, सिरदर्द और आँखें किरकरी होना, जैसे कई लक्षणों के कारण इसका पता लगाया जा सकता है।
कोविद-19 महामारी की वजह से बड़ी संख्या में लोग घर से ही काम कर रहे हैं और बच्चों की पढ़ाई भी घर से ही ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से हो रही है। स्क्रीन टाइम बढ़ने की वजह से उनकी आंखों की सेहत पर इसका बुरा असर पड़ रहा है।
लोग कंप्यूटर के सामने बैठकर घर से ही काम कर रहे हैं। आंखों का लाल होना, आंखों में खुजली, जलन, फोकस करने में दिक्कत होना आदि कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के कुछ लक्षण हैं।
आंखों में ड्राईनेस के कारण किरकिराहट के साथ ही बार-बार ऐसा अहसास हो सकता है कि आंख में मिट्टी गिर गई है, आंखों में भारीपन हो सकता है आप लापरवाही बरतें तो आंखों में एलर्जी भी हो सकती है।
जानिये कंप्यूटर की स्क्रीन कैसे प्रभावित करती है
कंप्यूटर विजन सिंड्रोम में एक ही तरह का मोशन होता है, जिससे आंखों बार-बार गुजरती हैं। या फिर यह भी हो सकता है कि आपको कुछ पेज देखने की जरूरत हो और आप उन्हें देखते हुए कुछ लिख रहे हों।
आप लगातार बिना पलके झपकाए देखते है साथ ही आपकी आंखें लगातार फोकस बदलती हैं तो आपके दिमाग में अलग-अलग तरह की तस्वीरें बनती हैं। इसके लिए आपकी आंखों की मांसपेशियां काफी ज्यादा मेहनत करती हैं।
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कंप्यूटर विजन सिन्ड्रोम से बचाव
अगर आपका काम ही ऐसा कि लंबा वक्त स्क्रीन पर बिताना पड़ता है तो पलकें झपकने पर ध्यान दें। हर 45 मिनट बाद स्क्रीन से कुछ देर का ब्रेक लें। चाय और कॉफी पीने के दौरान गर्म कप से आपकी उंगलियां गर्म हो जाती हैं।
ये उपाय भी काम में आ सकता है कि पलकों को झपकाने की आदत बनाए रखें। क्योंकि पलकें झपकाने से आंसुओं का पुनर्वितरण होता है और आंखों में सूखापन नहीं होता है, इसलिए इसका नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए।
इस स्थिति में व्यक्ति को ऐसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है। इसलिए आप अपने नेत्र चिकित्सक से संपूर्ण नेत्र परीक्षण करवाएं। इन लक्षणों का मतलब कभी-कभी अन्य बीमारियों से हो सकता है जिनमें अनियंत्रित अपवर्तक त्रुटियां शामिल हैं।
आप ऐसा बिलकुल भी न करे कि कंप्यूटर/लैपटॉप आदि पर काम करते हुए लाइट बंद कर देते हैं। स्क्रीन पर काम करते हुए पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए, यह लाइट ना बहुत ज्यादा ब्राइट हो और ना ही ज्यादा कम हो।
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कंप्यूटर स्क्रीन से हानिकारक रेडियशन से बचने के लिए फिल्टर करने के लिए एंटी रिफ्रेक्टिव कोटिंग ग्लास और ब्लू कोटिड चश्मा पहनना चाहिए। जिन लोगों को लंबे समय कंप्यूटर पर काम करना पड़ रहा है उन्हें ऐसे चश्मे पहनने चाहिए।
आंखों की थकान, दर्द, जलन दूर करने के लिए बीच-बीच में तीन से चार बार आंखों को पानी से धोते रहें। इससे आंखों को राहत मिलेगी और आंखें साफ रहेंगी।