Chakrasana
Chakrasana- अगर आप सुबह-सुबह चक्रासन करे तो कई बीमारियां दूर हो जाती हैं। चक्रासन करने से ब्लड सकुर्लेशन अच्छा होता है और दिमाग भी शांत रहता है। दिनभर काम करते हुए आप बहुत थक जाते हैं और इससे आपका खान-पान अनियमित हो जाता है।
इस तरह करने पर कई सारी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। इसलिए आप थोड़ा समय निकाल कर योगा करें। चक्रासन योग पीठ के बल लेट कर किया जाता है। योगाभ्यास के बाद धनुरासन करनी चाहिए ताकि शरीर संतुलन में बना रहे।
चक्रासन दो शब्द मिलकर बना है -चक्र का अर्थ पहिया होता है और आसन से मतलब है योग मुद्रा। चक्रासन के लाभ है फिर भी अगर आपको अपनी बुढ़ापे को हो रोकना और जवानी को रखना हो तो चक्रासन जरूर करें।
चक्रासन को ऊर्ध्व धनुरासन के नाम से भी जाना भी जाता है। चक्रासन संस्कृत के शब्द “चक्र” जिसका अर्थ “पहिया” और “आसन” का अर्थ योग मुद्रा से है।
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चक्रासन करने की विधि (Chakrasanapranayama benefits):-
सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। बाद में घुटने मोड़ें तथा एड़ियों को नितंबों से स्पर्श करते हुए पैरों को कुछ दूरी पर रखें।
बांह उठाएं और कोहनियां मोड़ लें। हथेलियों को कंधों के ऊपर सिर के निकट जमीन पर रख लें। अपने पैरों के साथ-साथ हथेलियों का उपयोग करके शरीर को ऊपर की ओर उठाएं।
अपने कंधे और के समानांतर पैरों को खोलें और वजन को बराबर बांटते हुए शरीर को ऊपर की ओर खींचे।
चक्रासन करने के फायदे (Chakrasana pranayama benefits):-
यह रीढ़ की लोच को विकसित करता है, यह आसन पीठ, बाजू और टाँगों की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह आसन पीठ, बाजू और टाँगों की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
अस्थमा के रोगियों को अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए। जिससे फेफड़ों को अधिक ऑक्सीजन मिलती है। इस आसन को नियमित करने से वृद्धावस्था देरी से आती है और कमर काम झुकती है और शारीरिक स्फूर्ति बनी रहती है।
पेट की चर्बी कम करने के लिए चक्रासन अच्छा योगासन हैं, निरन्तर अभ्यास से पेट की अतिरिक्त चर्बी को कम किया जा सकता हैं।
इस आसन के करने से लकवा, सिरदर्द, कमर दर्द तथा अंगों में होने वाले दर्द से मुक्ति मिलती है।