Cannabis – नुकसानदायक होने के साथ ही फायदेमंद भी होता है भांग

Cannabis

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Cannabis – विश्व के प्रथम योगी व वैज्ञानिक शिव जी भोले का नाम आते ही भांग भी याद आ ही जाती है।

भांग ……….
क्या आप को पता है कि भांग को विदेशियों ने क्या नाम दिया?

Hemp Shiv

भांग धरती पर एक मात्र ऐसा पौधा है जिस से एक नहीं, दस नहीं, हजार नहीं, दस हजार नहीं, पचास हजार प्रकार के जीवन के हर क्षेत्र में काम आने वाले उत्पाद बन सकते हैं। कहने का तात्पर्य है कि भांग के पौधे के विभिन्न भागों से लगभग सबकुछ बन सकता है।

लेकिन इस दिव्य पौधे को भी अंग्रेजों के जमाने में अंग्रेजों की नजर लग गई तथा इस दिव्य औषधि का सभी प्रकार से उपयोग बंद करने की पूरी कोशिश की गई। जिस भारत का आम जन भांग के विभिन्न उपयोगों के बारे में जानता था वहाँ आज बस नशे का या ठंडाई का उपयोग ही जानते है।

क्या देवो के देव को सिर्फ ठंडाई के लिए इस पौधे से जोड़ा गया?

Cannabis- विश्व के आज के सबसे अच्छे वस्त्र व भवन भांग से ही बन रहे हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने हवाई हमले के दौरान भांग के रेशे से बणे पेरासूट से ही कूद कर जान बचाई थी। खुशी की बात है कि भारत के कुछ पहाड़ी राज्यों में पुनः भांग की खेती की अनुमति सरकार द्वारा दे दी गई है। भांग के उपयोग व खेती के दो चित्र आप सब लोगों के लिए ….

हाँ, भांग रगड़ कै दवाई बनाई जाती थी ना कि वो नशा कर ने के लिए।

इनको WHO वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन वालों ने नशे की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया और भारत में उस पर प्रतिबंध कर दिया और ये सब चीजें हमसे खरीद कर उनको दवाओं का नाम देकर खुद WHO तस्करी कर रहा है।

अफिम, भांग पर भारत में बैन का कारण अंग्रेजी मेडीसिन, दारू, शराब को बढावा देना था। भारतीय मानव को कमजोर बनाना अफीम भांग का सेवन करने, पचाने वाले लम्बी उमर जीते थे अडीग थे और भी बहुत से कारण मिलेंगे।

ये वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन(WHO) वाले अफ़ग़ानिस्तान की 80 % और भारत की 68% औषधियों खरीद लेते है फिर उसी को दवाई बनाके हमारे यहां डंप करते है और पैसा विदेश जाता हैं और देश गरीब होता हैं।

हमारी सनातन संस्कृति में भक्ति आरोग्य और विज्ञान का जो मेल हे उस का नाम उत्सव है। भांग को एक दिव्य औषधि के रूप में जाने।

Cannabis- हम जानते है कि कॉफी और चाय पीने से थकान उतारने और सिरदर्द में राहत मिलती है। इसकी कारण, इनके अंदर पाया जाने वाला कैफीन होता है। हमारे ब्रेन में जाकर हैपी हॉर्मोन्स को बढ़ाता है और कॉर्टिसोल जैसे निराशा बढ़ाने वाले हॉर्मोन्स को समान करता है।

भांग सेवन के लाभ:-

भूख बढ़ानी हो तो भांग का सेवन करने से भूख बढ़ सकती है. इसके लिए काली मिर्च के साथ भांग का चूर्ण चिकित्सकीय परामर्श में रोगी को चटाना चाहिए।

भांग का उपयोग मानसिक बीमारियों में भी होता है। जिन्हें एकाग्रता की कमी होती है, उन्हें डॉक्टर इसके सही मात्रा के इस्तेमाल की सलाह दी जाती हैं।

अधिक मात्रा में लेने का नुकसान:-

अगर भांग को ही अधिक मात्रा में ले लिया जाए तो यह पेट में गर्मी या जलन हो सकती है, इसलिए भांग का सेवन हमेशा सीमित मात्रा में करना चाहिए। भांग के दूसरे नाम मैरिजुआना, कैनाबीस और वीड हैं।

भांग को अगर दवाई की तरह लिया जाए तो यह शारीरिक दर्द से राहत देने का काम में आती है। लेकिन दर्द को दूर करने के लिए इसे नियमित रूप से सेवन न करे।

भांग के सेवन से नींद कम आने लगती है और भूख में भी कमी आ जाती है। भांग का नशा रक्तचाप को भी प्रभावित करता है, और दिमाग में रोग जन्म लेने लगते हैं।

भांग का सेवन पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी कर सकता है, वहीं गर्भवती महिलाओं के लिए इसका थोड़ा भी सेवन करना, गर्भस्थ शि‍शु के लिए हानिकारक हो सकता है।