Sawan Shayari – श्रावण शायरी

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Sawan Shayari

Sawan Shayari- सावन या श्रावण महीना ‘हिन्दू पंचांग‘ के अनुसार पांचवे महीने में पड़ता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सावन महीना जुलाई-अगस्त माह में पड़ता है। यह महीना वर्षा ऋतु में आता है। इस समय काफी वर्षा होती है। सावन महीना आते ही चारों तरफ हरियाली नजर आती है। सावन महीने के पहले ही धान की रोपाई हो जाती है क्योंकि धान की फसल को पानी की आवश्यकता अधिक होती है।

Sawan Shayari

सावन का महीना भक्ति की दृष्टि से भी बड़ा उत्तम माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। लोग इस महीने में विभिन्न प्रकार से शिव पूजा और आराधना करते है। इसी महीने में काँवर भी लोग ले जाते है। जिसमें कई सौ किलोमीटर चलकर लोग बाबा बैद्यनाथ (देवघर) भगवान शिव के दर्शन करने जाते है। यहाँ पर आने वालों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस कारण इस लिंग को ‘कामना लिंग‘ भी कहा जाता है।

सावन के महीने में ज्यादातर लोग शाकाहारी भोजन पसंद करते है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए सबसे उत्तम होता है। वर्षा होने पर उत्तर प्रदेश और बिहार में लोग लिट्टी-चोखा और पकौड़ी खाना पसंद करते है। ज्यादा वर्षा होने पर कई जगहों पर बाढ़ भी आ जाती है, जिससे फसल और सामान्य लोगो का जीवन बड़ा ही प्रभावित होता है।

Sawan Shayari

(1)
सावन खुद तो आया ही है,
साथ में त्यौहारों को भी लाया है।
देख कर ये सावन की नजाकत,
मन खुशियों से भर आया है।

(2)
गर्मियों में राहत देता है सावन,
चुरा लेता है हर किसी का मन।
महक जाता है हर एक इंसान,
जैसे बेजान में भी आ गई जान।

(3)
सावन की आज हुई पहली बारिश है,
वो मिल जाये बस ये गुज़ारिश है।
दोनों मिलकर भीग ले इस मौसम में,
लगाई मैंने भगवान से सिफारिश है।

(4)
बनके सावन कहीं वो बरसते रहे।
इस घटा के लिए हम तरसते रहे।
आस्तीनों के साये में पाला जिन्हें,
साँप बनकर वही रोज डसते रहे।

(5)
फूल से दोस्ती करोगे तो महक जाओगे,
सावन से दोस्ती करोगे तो भीग जाओगे।
हमसे करोगे तो आप बिगड़ जाओगे,
और नहीं करोगे तो फिर किधर जाओगे।

(6)
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो।
भले छीन लो मुझसे मेरी ज़वानी,
मगर मुझको लौटा दो वो मेरा बचपन का सावन,
वो कागज़ की कश्ती और वो बारिश का पानी।

(7)
मौसम का सुहावना अंदाज भाया है,
नए सवेरे को साथ लाया है।
दरवाजा खोल कर तो देखो,
भीगा हुआ सावन आया है।

(8)
शिव की बनी रहे आप पर छाया,
पलट दें जो आपकी किस्मत की काया।
मिले आपको वो सब जिंदगी में,
जो कभी किसी ने भी नहीं पाया।

(9)
गर्मी हो गयी थोड़ी कम,
क्योंकि सावन का हुआ welcome
अब महक लो इस बारिश की,
कही ये ना हो जाये फिर कम।

(10)
भोले की भक्ति में मुझे डूब जाने दो,
शिव के चरणों में शीश झुकाने दो।
आज है पवित्र श्रावण सोमवार,
आज के दिन मुझे भोले के गीत गाने दो।