Krishna Janmashtami Shayari
Krishna Janmashtami Shayari- मानव जीवन सबसे सुंदर और सर्वोत्तम होता है। मानव जीवन की खुशियों का कुछ ऐसा जलवा है कि भगवान भी इस खुशी को महसूस करने समय-समय पर धरती पर आते हैं। शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु ने भी समय-समय पर मानव रूप लेकर इस धरती के सुखों को भोगा है।
Krishna Janmashtami Shayari
भगवान विष्णु का ही एक रूप कृष्ण जी का भी है जिन्हें लीलाधर और लीलाओं का देवता माना जाता है।
Krishna Janmashtami Shayari
(1)
माखन चुराकर जिसने खाया,
बंसी बजाकर जिसने नचाया,
ख़ुशी मनाओ उनके जन्म दिन की,
जिन्होंने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया।
(2)
गोकुल में है जिनका वास,
गोपियों संग रचाए जो रास।
देवकी यशोदा जिनकी मैया,
ऐसे है हमारे कृष्ण कन्हैया।
(3)
माखन का कटोरा, मिश्री का थाल,
मिट्टी की खुशबू, बारिश की फुहार,
राधा की उम्मीद, कन्हैया का प्यार,
मुबारक हो आपको जन्माष्टमी का त्यौहार।
(4)
हर शाम हर किसी के लिए सुहानी नहीं होती,
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नहीं होती।
कुछ तो असर होता हैं दो आत्मा के मेल का,
वरना गोरी राधा, सांवले कृष्णा की दीवानी ना होती।
(5)
राधा की चाहत है कृष्णा,
उनके दिल की विरासत है कृष्णा,
चाहे कितना भी रास रच ले कृष्णा,
दुनिया तो फिर भी यही कहती है
”राधे – कृष्णा”
(6)
लोगो की रक्षा करने के लिए जिसने
एक उंगली पर पहाड़ उठाया।
उसी कन्हैया की याद दिलाने
जन्माष्टमी का पावन दिन आया।
(7)
पीला कपड़ा किया है धारण
मोर मुकुट भी पहना हैं।
नृत्य करे संग गोपियों के
मुरली इनका गहना हैं।
(8)
कृष्णा तेरी गलियों का जो आनंद है,
वो दुनिया के किसी कोने में नही।
जो मजा तेरी वृंदावन की रज में है,
मैंने पाया किसी बिछौने में नहीं।।
(9)
माखन चोर नन्द किशोर,
बांधी जिसने प्रीत की डोर।
हरे कृष्ण हरे मुरारी,
पूजती जिन्हें दुनिया सारी।
(10)
आओ देखो फिर जन्माष्टमी आयी हैं,
माखन की हांडी ने फिर मिठास बढ़ाई हैं,
कान्हा की लीला हैं सबसे प्यारी,
वो दे तुम्हे दुनिया भर की खुशिया सारी।