Sheila’s Courage – शीला का साहस

Sheila’s Courage

Sheila’s Courage- हम आपको Moral stories in Hindi के बारे में बताने वाले है। इन कहानियों को आपने बचपन में अपने दादा दादी से सुना होगा। यह कहानियाँ बहुत ही ज्ञानवर्धक और शिक्षावर्धक है। इन नैतिक हिंदी कहानियाँ से आप बहुत सारी अच्छी बात सीखेंगे।

जिनको आप अपनी जीवन में प्रयोग करके सफलता पा सकते है। यह कहानियाँ बहुत ही रोचक है। जिनको पढ़कर आपको और बच्चों को बहुत आनंद आएगा।

Sheila’s Courage

चमनपुर गाँव पहाड़ियों के बीच बसा हुआ था। गाँव से थोड़ी दूर पाठशाला थी। पाठशाला के रास्ते में घने पैड और झाड़ियाँ थी। पास ही नाला बहता था। नाला पार करके साला जाना पड़ता था। छोटे बच्चे अकेले आते-जाते डरते थे। इसलिए वे बड़े बच्चे के साथ ही आते-जाते थे।

शीला का साहस

शीला उसी शाला मे पाँचवी कक्षा मेँ पढ़ती थी। वह अपने मोह्ल्ले के बच्चों को साथ लाती और ले जाती थी।

बरसात के दिन थे। शीला बच्चों को लेकर शाला जा रही थी। बच्चे आगे-पीछे उछलते-कूदते चल रहे थे।

शीला ने देखा, आज नाले मेँ बहाव तेज हैं। उसने बच्चों को एक-दूसरे के हाथ पकड़वाये और नाला पार करवाने लगी। अचानक मनीष का हाथ छूट गया। वह गिर पडा और पानी के साथ बहने लगा।

शीला घबराई। उसने तुरंत अपना बस्ता दूसरे को थमाया और तेजी से तैरने लगी। उसकी साँस फूल गई लकिन उसने हिम्मत नहीं हारी।

वह मनीष के पास पहुंची और उसका हाथ पकड़ लिया। शीला उसे खींचकर किनारे लाई। वह थक कर गिर पड़ी। इतने में कुछ बच्चे और गुरूजी दौड़ते हुए आ गए। शीला के साहस की बात चारों तरफ फैल गई। सभी ने उसकी प्रसंसा की।

शिक्षा :

साहस से जो करता काम, जग में होता उसका नाम।