Selfie ka Chakkar
selfie ka Chakkar:- एक बार की बात है, एक दिन जंगल में कानू बंदर को एक मोबाइल फोन मिला। वह बहुत खुश हुआ। उसने मोबाइल से अपनी सेल्फी लेने की बात सोची।
उसने नाक व मुंंह टेढ़ा करते हुए अपनी कई सेल्फी लीं। फिर उसने, अपने दोस्तों को दिखाईं। वह रोज घूमने जाता था, अब वह हर रोज जंगल के अलग-अलग स्थानों पर निकल जाता और नए-नए अंदाज में सेल्फी लेने का प्रयास करता।
कानू की मां को उसकी यह नई आदत बिल्कुल भी पसंद न थी। एक दिन जब वह जंगल से घर लौटा, तो उसकी मां ने कहा, “देखो चीनू, तुम्हारा यह रोज-रोज जंगल के खतरनाक जगहों पर जाकर सेल्फी लेना ठीक नहीं है।
Selfie ka Chakkar
कानू कहा “अरे नहीं मां, मैं कोई बच्चा थोड़े न हूं। अब मैं बड़ा हो गया हूं।” कानू ने अपनी मां की बात काटकर कहा, “मुझे अपनी रक्षा करना अच्छी तरह आता है।”
कानू के ऊपर सेल्फी का भूत सवार हो गया था। हर रोज एक से बढ़कर एक सेल्फी लेेना अब उसका शौक बन गया था। वह कभी किसी पेड़ पर चढ़कर, तो कभी जंगल के किसी पहाड़ या नदी के पास जाकर सेल्फी लेता रहता था।
एक दिन कानू ने जंगल के सबसे बड़े पेड़ की सबसे ऊंची डाल पर चढ़कर सेल्फी लेने का प्लान किया। पेड़ की उस डाल से सारा जंगल चारों ओर दूर-दूर तक दिखाई देता था।
पेड़ की सबसे ऊंंची डाल पर पहुंचकर कानू ने अपने आगे के एक पैर से मोबाइल को पकड़ा। उसके बाद डाल से हवा में लटकते हुए उसने सेल्फी लेनी शुरू की। उसे चर्र-चर्र की आवाज आई। पर कानू का ध्यान आवाज की ओर नहीं गया। वह सेल्फी लेने में पूरी तरह खोया रहा। उसी बीच फिर चर्र-चर्र की एक जोर की आवाज आयी और वह पेड़ से टूट गया।
Selfie ka Chakkar
ऊपर से नीचे धम्म से जमीन पर आ गिरा। जमीन पर गिरते ही वह जोर से चीखा, “आह! मर गया।” उसकी चीख सुनकर आसपास के जानवर दौड़कर उसके पास आए। वे उसे उठाकर तुरंत जंगल के डॉक्टर भालूराम के पास ले गए। भालूराम ने कानू का निरीक्षण कर बताया कि उसे गहरी चोट लगी है और उसके आगे व पीछे के पैरों में फ्रैक्चर हो गया है।
उसकी माँ डॉक्टर भालूराम की बात सुनकर फूट-फूटकर रो पड़ीं। बोलीं, “मैंने कितनी बार चीनू को समझाया था कि सेल्फी के चक्कर में मत पड़ो, मत पड़ो। लेकिन उसने मेरी एक भी बात न मानी और अपनी मनमानी करता रहा।
कानू को डॉक्टर भालूूराम की दवा से थोड़ा आराम मिल गया था। वह अपने पास बैठी अपनी मां को रोते-बिलखते देख रहा था। आज उसे अपनी मां की समझाई एक-एक बात याद आ रही थी। उसे अपनी मां की बात न मानने पर बहुत पछतावा हो रहा था। वह मोबाइल को कभी भी हाथ नहीं लगाऊंगा और न ही उससे कभी सेल्फी लूंगा।
कानू ने मां की बात को गांठ बांध लिया। साथ ही सेल्फी की लत को भी छोड़ देने का संकल्प कर लिया।