Clever Cock And The Jackal – चालाक मुर्गे और गीदड़

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Clever Cock And The Jackal:- एक बार की बात है एक गाँव में एक मुर्गा रहता था. वह रोज़ सुबह बांग देकर गाँव वालों को जगाया करता था। जब उसने मुर्गे को देखा, तो उसके मुँह से लार टपकने लगी। वह सोचने लगा की, अगर इसका मांस खाने को मिल जाये तो मज़ा आ जाये।

उसने एक योजना बनायी ताकि किसी तरह मुर्गे को खा सके। उसने मुर्गे को बहला-फुसला कर और उसके पास पहुँचकर बोला, “मित्र! मैं तुम्हारी आवाज़ सुनकर तुम्हारे पास आया हूँ, तुम्हारी आवाज़ बहुत ही सुरीली है। क्या तुम एक बार मुझे अपनी सुरीली आवाज़ सुनाओगे.”

मुर्गे की कभी किसी ने इतनी प्रशंसा नहीं की थी। वह गीदड़ की बात सुनकर मुर्गा ख़ुशी से फूला नहीं समाया गीदड़ इसी फ़िराक में था। उसके देखा कि मुर्गे का ध्यान उसकी ओर नहीं है।

जब वह जंगल की ओर भाग रहा था। उस समय गाँव वालों की दृष्टि उस पर पड़ गई। वे लाठी लेकर उसे मारने के लिए दौड़े, गीदड़ डर के मारे और तेजी से भागने लगा मुर्गा अब तक उसके मुँह में दबा था। तब तक उसने उसके चंगुल से बचकर निकलने का एक उपाय सोच लिया था।

वह भागते हुए गीदड़ से बोला, “देखो गीदड़ भाई! ये गाँव वाले मेरे कारण तुम्हारा पीछा कर रहे हैं। गीदड़ मुर्गे की बातों में आ गया और पलटकर बोलने के लिए अपना मुँह खोल लिया। लेकिन जैसे ही उसने मुँह खोला, मुर्गा उड़ गया और गाँव वालों के पास चला गया।

इस तरह अपनी चतुराई से उसने अपनी जान बचाई।