Rabbit And Frog Story
Rabbit And Frog Story:- एक बार जंगली कुत्ते खरगोशों के एक झुंड का पीछा कर रहे थे। सभी खरगोश अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। किसी तरह वे जंगली कुत्तों का शिकार बनने से सूखी झाड़ी के पीछे जा छुपे।
भागने के कारण सभी थके हुए थे, अपने जीवन के बारे में सोच कर दु:खी थे। कुछ देर गहरी सांस लेकर जब वे सामान्य हुए, तो अपनी स्थिति पर चर्चा करने लगे।
एक खरगोश बोला, “मित्रों! क्या जीवन मिला है हमको! हम कितने तुच्छ और निरीह प्राणी हैं। हमारे पास हिरण के जैसे सींग है, शत्रु पीछे पड़ जाए, तो भागने के सिवाय हमारे पास कोई चारा नहीं रहता। संसार की सारी विपदा हमारे सिर डाल दी है।”
Rabbit And Frog Story
दूसरा खरगोश बोला, “सच कहते हो मित्र! हर समय प्राणों का संकट मंडराता रहता है। ऐसे भयपूर्ण जीवन से मैं बड़ा दुखी हूँ। तीसरा खरगोश बोला, “मेरा मन भी करता है कि मर जाऊं। मैं अभी जाकर तालाब में कूद जाऊंगा।”
उन्होंने तालाब में जाकर डूब जाने का मन बना लिया। यह निर्णय होते ही वे सभी तालाब की ओर चल पड़े। वहाँ कई मेंढक रहते थे। वे सभी उस समय तालाब के किनारे बैठकर आराम कर रहे थे। जैसे ही उन्होंने खरगोशों के कदमों की आहट सुनी, वे सभी तालाब में कूद गये।
तालाब में कूदकर अपने प्राण देने गए खरगोश मेंढकों को देखकर रुक गये। एक खरगोश बोला, “मित्रों! देखा तुम लोगों ने। ये मेंढक हमसे डरकर पानी में कूद गये। इस संसार में हमसे भी छोटे और निरीह प्राणी हैं।
वे हमारा मुकाबला नहीं कर सकते, वे हमसे डरते हैं। लेकिन फिर भी वे अपना जीवन जी रहे हैं, तो हमें प्राण त्यागने की क्या आवश्यकता है। जब ये जी सकते हैं, तो हम भी जी सकते हैं।”
सभी खरगोश इस बात पर सहमत हो गये और जीवन त्यागने जा विचार त्याग कर वापस लौट गये।