The Hundred Rupee Note Story – सौ रुपए का नोट

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The Hundred Rupee Note Story

The Hundred Rupee Note Story:- एक बार की बात है एक लड़की थी जिसका नाम कुमारी था वह एक दिन देर से सोई। फिर बहुत तो देर से उठी। वह हर काम में देर करती थी। वह दौड़ते-दौड़ते स्कूल बस तक पहुंच गई। एक पल की और देरी हो जाती, तो बस छूट ही जाती।

वह बस में चढ़ी ही थी कि रीमा बोली, “एक ही सीट बची है। वह सबसे पीछे वाली सीट पर बैठ गई। स्कूल गेट आया। बस रुकी, बच्चे उतरने लगे। अचानक उसकी नजर एक सीट के नीचे पड़ी। वहां सौ रुपए का एक नोट मुड़ा-तुड़ा पड़ा था।

कुमारी ने झट से वह नोट उठा लिया। उसने वह नोट मुट्ठी में बंद कर लिया। पलक झपकते ही उसने नोट अपने स्कूल बैग में रख लिया।

सुबह स्कूल में प्रार्थना सभा हुई। पहला पीरियड गणित का था। कुमारी सोच रही थी, ‘इंटरवल में कोल्ड ड्रिंक पिऊंगी। दो समोसे भी खाऊंगी। जैसे-तैसे पहला पीरियड बीता। दूसरा पीरियड हिंदी का था।

वह सोचने लगी, ‘आज तो मजा आ गया। सौ रुपए तो बहुत ज्यादा होते हैं। वह सोचने लगी, काश! मुझे सौ रुपए हर रोज मिल जाते।

तीसरा पीरियड भी बीत गया। चौथा पीरियड अंग्रेजी का था। कुमारी सोचने लगी, ‘बस, अब कुछ ही देर में इंटरवल की घंटी बजने वाली है। तभी शकीला रोने लगी। क्लास के सारे बच्चे उससे पूछने लगे। वह बोली “मेरा सौ रुपए का नोट खो गया।

पता नहीं, कब स्कर्ट की जेब से गिर गया। स्कूल की छुट्टी के बाद मुझे अम्मी के लिए दवा लेकर जानी थी। अब्बू भी यहां नहीं हैं।” अंग्रेजी की टीचर जांच रही थीं। शकीला से पूछा, तो उसने सारा किस्सा सुनाया।

टीचर ने कहा, “छुट्टी होने पर मुझसे एक सौ रुपए ले जाना। अम्मी को बता देना। जब मन हो, मेरे रुपए लौटा देना।”तभी इंटरवल की घंटी बजी। कुमारी ने झट से अपना बैग उठा लिया। वह टीचर से बोली, “मैम, शायद यह एक सौ रुपए का नोट शकीला का ही है।

टीचर ने एक सौ रुपए का नोट शकीला को देते हुए कहा, “यह लो। क्लासरूम में तालियां बजने लगीं। क्लास के बच्चे भी वहां आ गए। सब कुमारी की ही बात कर रहे थे। दूसरे ही क्षण तालियों की आवाज बढ़ने लगी।