The Ass And The Wolf Story
The Ass and Wolf Story:- एक बहुत बड़ा जंगल था, उस जंगल के पास एक घास का मैदान था। उसके पास एक गधा रहता रहा था, गधा रोज़ वहाँ हरी घास चरने आया करता था।
एक दिन वह घास के मैदान में घास चर रहा था। तभी उसी जंगल में एक भेड़िया भी रहता था, कुछ देर बाद में एक भेड़िया वहाँ आ गया। उसे बहुत भूख लग रही रही थी।
वह शिकार की तलाश में निकला था। उसे बड़े जोरों की भूख लगी थी। गधे को देख वह बड़ा खुश हुआ और सोचने लगा – ‘इस गधे का शिकार कर कई दिनों के लिए भूख की छुटटी हो जाएगी।‘
वह अवसर की ताक में एक पेड़ के पीछे छिप गया और गधे पर नज़र रखने लगा। घास चरते गधा सब समझ गया था कि भेड़िया उसे मारने की फ़िराक़ में है।
वह जान बचाने के लिए गधे ने एक युक्ति लगाई और वह लंगड़ाकर चलने लगा। उसे लंगड़ाकर चलते देख भेड़िये ने पूछा, “क्यों? क्या बात है? तुम यूं लंगड़ा कर क्यों चल रहे हो?”
“क्या बताऊं भेड़िये भाई? मेरे पैर में कांटा चुभ गया है। क्या तुम ये कांटा निकाल दोगे?” भेड़िया चकित होकर बोला। “मैं जानता हूँ भेड़िये भाई! तुम मुझे खाने के बारे में सोच रहे हो।
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मगर जब तुम मुझे खाओगे, तब ये कांटा तुम्हारे गले में अटक सकता है। भेड़िये ने सोचा – ‘गधा सही कह रहा है। खाते समय मैं बेकार की मुसीबत क्यों मोल लूं? इसका कांटा निकाल ही देता हूँ।
वह बोला, “जरा दिखाओ तो, तुम्हें कहाँ कांटा चुभा है?” भेड़िया उसके पैर के पास गया और कांटे को ढूंढने लगा। तो उसने एक ज़ोरदार दुलत्ती उसको मार दी।
भेड़िया का सिर चकरा गया था। जब वह संभला और उठा, तो देखा कि गधा उसकी पहुँच से बहुत दूर भाग चुका है।
सीख (Moral of the story):-
विपत्ति के समय सूझबूझ से काम लें।