A Wise Farmer/Hidden Treasure
A Wise Farmer/Hidden Treasure- एक बूढ़ा किसान था। उसके तीन बेटे थे। तीनों ही जवान और हट्टे-कट्टे थे। पर वे बहुत ही आलसी थे। पिता की कमाई उड़ाने में उन्हें बड़ा मजा आता था। मेहनत करके पैसे कमाना उन्हें अच्छा नहीं लगता था।
एक दिन किसान ने अपने बेटों को बुलाकर कहा, “देखो, तुम लोगों के लिए मैंने अपने खेत में एक छोटा-मोटा खजाना गाड़ रखा है।
तुम लोग खेत को खोद डालो और उस खजाने को निकालकर आपस में बाँट लो”,दूसरे दिन बड़े सबेरे उस किसान के तीनों लड़के कुदालियाँ लेकर खेत पर पहुँच गए और खुदाई शुरू कर दी।
पर, उन्होंने खेत की एक-एक इंच जमीन खोद डाली। पर, उन्हें कहीं भी खजाना नही मिला।
अंत में निराश होकर वे पिता के पास पहुँचे। उन्होंने कहा, “पिताजी, हमने पूरा खेत खोद डाला, पर हमें कहीं भी खजाना नही मिला।” किसान ने जवाब दिया, “कोई बात नही! तुम लोगों ने खेत की बहुत अच्छी खुदाई कर दी है। अब मेरे साथ आओ, हम इसकी बोआई करें।”
A Wise Farmer/Hidden Treasure
बाप-बेटों ने मिलकर खूब लगन से खेत की बुआई की। संयोग से उस वर्ष बरसात भी समय पर और बहुत अच्छी हुई। खेत मे खूब पैदावार हुई। फसल पक जाने पर खेत की शोभा देखते ही बनती थी। तीनों बेटों ने बड़ेे गर्व से अपने पिता को लहलहाती फसल दिखाई।
किसान ने कहा, “वाह, क्या खूब फसल हुई है! यही है वह खजाना, जिसे मैं तुम लोग को सौंपना चाहता था। अगर तुम लोग इसी तरह कड़ी मेहनत करते रहोगे, तो ऐसा ही खजाना तुम्हें हर वर्ष मिलता रहेगा।”
शिक्षा –
मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है।