Indira Ekadashi – इंदिरा एकादशी व्रत, मुक्ति के लिए जरूर करें

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Indira Ekadashi

Indira Ekadashi Vrat:- आज आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इस एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर किसी व्यक्ति को एकादशी व्रत करना चाहिए।

इंदिरा एकादशी का व्रत हर वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस वर्ष ​इंदिरा एकादशी का व्रत आज यानी 21 सितंबर 2022 दिन शनिवार को सिद्ध योग में रखा जाएगा।

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का प्रारंभ 20 सितंबर, मंगलवार को रात 09 बजकर 26 मिनट से होगा, जो कि 21 सितंबर, बुधवार को रात 11 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार एकादशी व्रत 21 सितंबर को रखा जाएगा।

हिंदू धर्म शास्त्रों में इंदिरा एकादशी व्रत को मोक्ष दिलाने वाला व्रत कहा गया है. इंदिरा एकादशी व्रत को करते हैं, उनको मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है और वे जीवन-मरण के चक्र से मुक्त हो जाते हैं।

इंदिरा एकादशी पौराणिक कहानी

हिंदू शास्त्र के अनुसार सतयुग के समय में इंद्रसेन नाम का एक राजा हुआ करता था। वह राजा बेहद धर्मपरायण था। एक दिन देवर्षि नारद जी इंद्रसेन की राज सभा में पहुंचे। तब राजा ने नारद जी का आदर सत्कार करते हुए उनसे वहां आने का कारण पूछा।

तब नारद जी ने अपने आने का कारण बताते हुए राजा से कहा, कि वे अभी यमलोग गए थे, राजा के पिता ने बातचीत के दौरान में बताया कि वह अपने जीवन काल में एकादशी का व्रत बीच में ही छोड़ दिया था।

अगर मेरा पुत्र अश्विन मास की एकादशी को भगवान विष्णु की व्रत करें, तो शायद मुझे यम यमलोक की यातना से मुक्ति मिल सकती है। इस बात को सुनकर राजा इंद्रसेन ने नारद जी से व्रत करने का विधि पूछी। तब नारद जी ने राजा को व्रत करने की पूरी विधि बताई। उसके बाद राजा ने विधि विधान से व्रत का संकल्प लेकर व्रत को करना शुरू कर दिया।

व्रत को विधि विधान से करने के बाद राजा ने ब्राह्मण को भोजन कराया और साथ में गौ दान भी किया। तब भगवान विष्णु ने खुश होकर राजा के पिता को यमलोक से मुक्त कर दिया। हिंदू शास्त्र के अनुसार इसी वजह से इस व्रत का नाम इंदिरा एकादशी पर गया।

शुभ मुहूर्त-

अश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि आरंभ – 20 सितंबर 2022 रात 09.26

अश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि समाप्त – 21 सितंबर 2022 रात 11.34

व्रत का पारण समय – 22 सितंबर 2022 सुबह 06.15 – सुबह 08.41

इंदिरा एकादशी पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके सूर्य देवता को अर्घ्य दें। इसके बाद पितरों का श्राद्ध करें. भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें. ब्राह्मण को भोजन खिलाकर दान आदि दें। इंदिरा एकादशी व्रत कथा सुने या पढ़ें।

इंदिरा एकादशी का महत्व

इंदिरा एकादशी व्रत को मोक्ष देने वाला कहा गया है। जो लोग इस व्रत को करते हैं, उनको मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह एकादशी पितृ पक्ष में पड़ती है। इंदिरा एकादशी व्रत के पुण्य को पितरों को देने से उनकी आत्मा तृ​प्त होती है और उनको भी जीवन मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है।