Hanuman ji ka Geet
Hanuman ji ka Geet– बाबा बजरंग जीरो बुगलो हद बन्यो”
कोठे तो बालाजी हनुमान बाजिया, कोठे धूर्याछ निशान ।।बाबा”‘
सालासर बजाए झाझन बाजिया, सेबका क धुर्याछ छ निशान।। बाबा”‘
कुण चिनायो बाबाजी थारो देवरो, कूण दिवाई गज नीम।।बाबा “‘
राजा जी चीनायो म्हारो देवरों, सेवका दिवाई गज नीम।।बाबा”‘
कैर को साम बालाजी थारो देवरों कैर को सम जगा जोत ।। बाबा “‘
अस्सी ए कोसा म थारो देवरों, सारी दुनिया म जगा जोत।। बाबा”‘
जात्री तो आव थार दूर का,सांवलिया जी मोटयार।।बाबा”
जात न आव बालाजी थार कुल बहू, गोद जडूला जी पुत।।बाबा”‘
चड़ाए चढ़ावे बालाजी थार चुरमो, और चुटबाला नारेल।। बाबा”‘
धन्य माता अंजनी थारी कुखन जाया, छ हनुमत सरिसा पुत।। बाबा”‘
बाग बिलूंदी लंका दलमली, सार्या राजा रामचंद्र जी काज ।।बाबा”‘
लाल लंगोट तिलक सिंदूर को, बेठयो बाबा आसन डाल ।। बाबा”‘
फलतो तो फुलजोजी सेवको नीमजू, थारी तो भद्दजो जी बेल ।।बाबा”‘
सिवका की करो रिछपाल , सेवकों कारज सार ।। बाबा”