Gangaur Aarti
Gangaur Aarti- नीव ढलती बेलड़ी जी।
मालन फूलड़ा सा ल्याए, ईसरदास थारो कोटडया जी।
मालन फुलड़ा सा लयाए, कनीराम थारो आरती जी।
आर्तडदात धाम सुपारी लागी डोंडा स जी।
डोंडा राज कोट चिनाए, झीलो म्हारी चुनडी जी।
गाया जाई छ ठानम जी, बहुवा जाई छ साल,
झिलो म्हारी चुनदी जी।
गाया जाया बाछड़ा जी, बहूवा जाया छ पुत,
झिलो म्हारी चुनडी जी।
गाया खाया खोपरा जी बहुवा खाई छ सूट,
झिलो म्हारी चुनडी जी।
गाया क गल घूघरा जी बहुवा कागल हार,
झीलो म्हारी चुनडी जी।
गोरल जायो द पुत जी कुन खिलाएगी जी,
खिलासी रोवा ननद झाबर क पालन जी,
आंख मोड नाक मोड़ कड़ मोड़ घुमर घाल,
बाड़ी न रूंडल जी।
बाड़ी म लाल किवाड़, झीली म्हारी चुनडी जी।
आवगा ब्रह्मादासजी रा पुत पजोव थारी मन रली जी।