A Shepherd Who Lied
A Shepherd Who Lied- एक चरवाहा लड़का अपने मालिक की भेडों को गाँव से बहुत दूर एक घनघोर जंगल के पास चराने के लिए ले गया था। उसने देखा कि उस जंगल में और कोई नही है, हर तरफ़ सूनसान इलाक़ा है। वह लड़का खुद को खुश करने के लिए अपने कुत्ते के साथ खेलने और बात करने लगा।
जब वह लड़का अपने कुत्ते के खेलने में व्यस्त था, उसी समय उसके मन में आया की अगर इस जंगल में कोई भेड़िया दिखा और अगर भेड़िए ने उस पर या उसकी भेड़ों पर हमला कर दिया तो वह क्या करेगा?
ऐसा सोच कर वह ख़ुद को और अपने मालिकों की भेड़ों को बचाने के लिए योजना बनाने लगा की अगर भेड़िया या भेड़िये का झुंड उनपर हमला किया तो वह क्या करेगा ?
उसने सोचा की अगर भेड़िओं का झुंड उस पर और उसकी भेड़ों पर हमला करेगा तो उसे तुरंत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला कर गाँव वालों को आवाज़ देकर मदद माँगनी चाहिए। गाँव वाले भेड़िओं को भगा देंगे।
वह ऐसा प्लान बनाकर सोचा क्यों ना एक बार गाँव वालों से मज़ाक़ किया जाए। ऐसा सोच कर वह लड़का ज़ोर ज़ोर से “भेड़िया! भेड़िया!” चिल्लाते हुए गाँव की तरफ़ भागा।
A Shepherd Who Lied
जैसा कि उस लड़के ने उम्मीद की थी, गाँव वाले उसकी आवाज़ सुन कर अपना काम छोड़कर जंगल के चारागाह की तरफ़ दौड़ कर पहुँच गए। लेकिन जब वो वहाँ पहुचें तब उन्हें पता चला की वह लड़का मज़ाक़ कर रहा था, जंगल के उस चारागाह में कोई भेड़िया नही था।
जब गाँव वालों को पता चला की लड़के के चाल चली थी, तो इसके बाद सभी गाँव वाले लड़के को डाँट कर वापस आ गए।
कुछ दिन बीतने के बाद एक दिन लड़का अपनी भेड़ों को जंगल के चारागाह में चराने के लिए ले गया तो शाम होने से पहले भेडियों के झुंड ने उसकी भेड़ों पर हमला कर दिया।
भेडियों के झुंड का हमला होने पर वह लड़का ज़ोर ज़ोर से “भेड़िया! भेड़िया!” चिल्लाते हुए गाँव की तरफ फिर भागा। लेकिन इस बार गाँव वाले उसकी मदद के लिए आगे नही आए।
उन्हें लगा की लड़का आज फिर मजाक कर रहा है, यही सोच कर कोई भी ग्रामीण उसकी मदद के लिए नही गया। तब तक भेडियों के झुंड ने कई भेड़ों को मार कर खा लिया और जंगल में वापस चले गए।
सीख
यदि आप झूठ बोलना शुरू कर देंगे, तो लोग आप पर विश्वास करना छोड़ देंगे। फिर भले ही आप सच बोलें लेकिन लोग उसे झूठ ही समझेंगे। इसलिए हमेशा सच बोलें, कभी भी झूठ बोलकर अपना और दूसरों का नुक़सान ना करें